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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में निगम बोर्ड की मीटिंग में बवाल हो गया. मीटिंग में एक पार्षद ने नाम लिए बिना 30 लाख के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तो मेयर सुनीता दयाल उखड़ गईं. उन्होंने भरी बैठक में कैमरे के सामने कह दिया कि "गर्दन अलग कर दूंगी". सोशल मीडिया में अब इसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
दरअसल, नगर निगम की बैठक मंगलवार (9 जनवरी) को आयोजित हुई, जिसमें कई प्रस्तावों पर चर्चा हुई. इस दौरान बीजेपी के पार्षद सचिन डागर ने राजेंद्रनगर में पार्क से फैक्ट्री तक रास्ता देने का मामला उठाया.
पार्षद ने कहा कि पार्क की जमीन से रास्ता देना गलत है. पार्क की जमीन पर सड़क बनाना भी गलत है. पार्षद ने कहा कि मुझे जानकारी है कि इस काम के लिए नगर निगम में किसी ने 30 लाख रुपए की रिश्वत ली है. पार्क की जमीन पर कब्जा करने में जो लोग पकड़े गए, उन्हें छुड़वाने का आरोप मेयर पर लगा तो वे बिफर गईं.
मामला बढ़ने पर नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने हस्तक्षेप किया और शांतिपूर्वक व मर्यादा से अपनी बात रखने को कहा. नगरायुक्त ने तुरंत लंच का ऐलान कर दिया. उधर, पार्षद सचिन डागर को इस बयान के बाद खुद अपनी पार्टी के साथी पार्षदों के विरोध का भी सामना करना पड़ा.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. वीडियो में मेयर कह रही हैं, "बेटा सुनो, गर्दन अलग कर दूंगी. नाम ले रहा ऐसा... 30 लाख कैश... रेकॉर्ड हो रहा है हो जाए. किसे दे दिए.... वो बताए तो सही किसे दिए 30 लाख और अगर मेरे किसी अधिकारी को दे दिए तो सस्पेंड होगा ये मैं कह रही हूं आज. हंड्रेड पर्सेंट सस्पेंड होगा."
इस दौरान पार्षद लगातार अपनी बात पर सफाई देते भी देखे जा सकते हैं. उन्होंने अपने आरोप में किसी का नाम नहीं लिया था. मेयर के गुस्से पर वह लगातार अपने बचाव में कहते रहे कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.
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