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चेहरे पर तिरंगा बनाए एक लड़की को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में कथित तौर पर प्रवेश नहीं करने दिया गया. इस घटना का एक वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (Shiromani Gurdwara Parbhandak Committee ) के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने एक वीडियो जारी कर किसी भी दुर्व्यवहार के लिए माफी मांगी और कहा कि जानबूझ कर सिखों को बदनाम किया जा रहा है.
गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि यह बहुत शर्म की बात है कि लोग इसके बारे में ट्वीट कर रहे हैं. देश-विदेश से श्री हरमंदिर साहिब में आने वाले सभी भक्तों का हम सम्मान करते हैं.
उन्होंने कहा, "सिखों ने देश की आजादी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन हर बार सिखों को निशाना बनाया जाता है. जानबुझ कर सिखों को बदनाम किया जा रहा है."
उन्होंने आगे कहा कि "यहां तक कि राहुल गांधी को भी हरमंदिर साहिब आने से नहीं रोका गया, जबकि उनकी दादी ने इस जगह पर हमला किया था. अलग धर्म, जाति या पंथ के बावजूद यहां सभी का स्वागत है. लोगों को ट्वीट करना चाहिए कि यहां सभी का स्वागत कैसे किया जाता है. हर जगह की एक मर्यादा होती है...भारत सरकार को इन साजिशों को नाकाम करना चाहिए और इनका हिस्सा नहीं बनना चाहिए.”
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल की यह प्रतिक्रिया एक वीडियो वायरल होने के बाद आई है जिसमें एक लड़की को स्वर्ण मंदिर में कथित तौर पर प्रवेश नहीं करने दिया गया.
वीडियो में, स्वर्ण मंदिर के एक सेवादार को कथित तौर पर लड़की को यह कहते सुना जा सकता है, "यह भारत नहीं है, यह पंजाब है".
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