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साल 2019 के लोकसभा चुनाव और फसलों की सही कीमत न मिलने से किसानों में बढ़ रही नाराजगी के मद्देनजर सरकार ने खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. सबसे अधिक रागी का एमएसपी बढ़ाया गया है. धान के एमएसपी में पिछले दस साल की सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने किसानों को उनकी फसलों की लागत का डेढ़ गुना कीमत देने का ऐलान किया था.
सरकार ने खरीफ की सबसे अहम फसल धान की सबसे सामान्य प्रजाति के एमएसपी में प्रति क्विंटल 200 रुपये की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. पिछले साल इसका एमएसपी 1550 रुपये था लेकिन इस साल के लिए 1750 रुपये देने का ऐलान किया गया है. पिछले साल की तुलना में इसमें 12.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जबकि 2017 की तुलना में 2018 में इसके एमएसपी में सिर्फ 5.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.
देश भर में ज्यादा एमएसपी के लिए किसानों के आंदोलनों के दबाव का ही नतीजा है कि खरीफ की ज्यादातर फसलों की कीमतें पिछले तीन साल की तुलना में ज्यादा तय की गई है.
पिछले 10 सालों में धान के एमएसपी में सबसे अधिक 200 रुपये की बढ़ोतरी की गई है. पिछले साल सामान्य धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,550 रुपये प्रति क्विंटल था. पिछले साल धान की एमएसपी में 80 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी. वहीं साल 2016-17 में 60 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी. इससे पहले धान के एमएसपी में सबसे अधिक 155 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी साल 2008-09 में यूपीए सरकार ने की थी.
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एमएसपी में इजाफे का श्रेय अपनी सरकार को देते हुए कहा
बुधवार को कैबिनेट कमेटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स की बैठक के बाद खरीफ फसलों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान किया गया. खरीफ की सबसे अहम फसल धान के कॉमन ग्रेड की कीमत 200 रुपये क्विंटल बढ़ा कर 1750 रुपये कर दी गई. वहीं ए ग्रेड में 160 रुपये का इजाफा हुआ और इसकी कीमत भी अब 1750 रुपये प्रति क्विंटल होगी.
मझोले रेशे वाले कपास का एमएसपी 4020 से बढ़ा कर 5150 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. वहीं लंबे रेशे वाले कपास की कीमत 4320 रुपये से बढ़ा कर 5450 रुपये कर दी गई है. अरहर दाल की कीमत 5450 रुपये से बढ़ा कर 5675 रुपये प्रति क्विंटल की गई है. जबकि मूंग दाल की कीमत 5575 से बढ़ा कर 6975 रुपये प्रति क्विंटल की गई है. धान के एमएसपी में बढ़ोतरी से सरकार की फूड सब्सिडी बढ़ क 11,000 करोड़ रुपये हो जाएगी. देश भर में दक्षिण पश्चिम मानसून की बारिश के साथ ही धान की रोपाई शुरू हो चुकी है.
ज्यादा एमएसपी भले ही किसानों के लिए राहत साबित हो और कृषि अर्थव्यवस्था पर इसका अच्छा असर बढ़े. लेकिन फसलों की कीमतों में इजाफा महंगाई बढ़ाने वाला साबित हो सकता है. महंगाई पर सबसे ज्यादा असर धान की एमएसपी में इजाफे से होने की आशंका है.
रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने जून की पॉलिसी रिव्यू में एमएसपी में बढ़ोतरी को महंगाई पर दबाव बढ़ाने वाला करार दिया था. रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर में इजाफे की वजह से ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी. बहरहाल बेहतर मानसून और एमएसपी में इजाफे की वजह से फसल उत्पादन बढ़ सकता है. लेकिन इससे महंगाई बढ़ने की भी आशंका बढ़ गई है.
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