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हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) के निधन के बाद नया चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) चुनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी है. हालांकि इस प्रक्रिया को कब तक पूरा कर लिया जाएगा, इस बारे में उन्होंने कोई टाइमलाइन देने से इनकार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सीडीएस की कुछ जिम्मेदारियां आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे फिलहाल संभाल रहे हैं. इनमें चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी (COSC) के अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारियां भी शामिल हैं. इस कमिटी में सीडीएस के अलावा आर्मी चीफ, नेवी चीफ और एयरफोर्स चीफ भी शामिल हैं.
1 जनवरी 2020को सीडीएस की जिम्मेदारी संभालने के साथ जनरल बिपिन रावत को इस कमिटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. जनरल रावत के निधन के बाद इस कमिटी में सबसे सीनियर जनरल नरवणे ने इस जिम्मेदारी को संभाला है .
दरअसल सीडीएस के निधन के कारण अब पुरानी व्यवस्था के तहत चीफ ऑफ स्टाफ्स कमिटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी जनरल नरवणे को मिली है. सीडीएस की नियुक्ति से पहले भी इस कमिटी में वरिष्ठता के आधार पर तीनों सेनाओं के प्रमुखों में से एक को कमिटी का अध्यक्ष चुना जाता था.
रिपोर्ट्स के अनुसार सीडीएस की रेस में फिलहाल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे सबसे आगे चल रहे हैं, इसकी बड़ी वजह है कि तीनों सेनाओं के प्रमुख में वो सबसे वरिष्ठ हैं. एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी और नेवी चीफ एडिमरल आर हरिकुमार जनरल नरवणे से 2 साल जूनियर हैं.
नरवणे को अगर जनवरी तक सीडीएस नियुक्त कर दिया जाता है तो सरकार के लिए अगला सेना प्रमुख चुनने की बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि जनरल नरवणे के बाद वाइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती सेना में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं, उनके बाद नॉर्दर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी का नंबर आता है. हालांकि दिक्कत ये है कि ले. ज. मोहंती और ले. ज. जोशी को अगले साल जनवरी में रिटायर होना है.
इन दोनों के रिटायरमेंट के बाद अगर जनरल नरवणे को सीडीएस बनाया जाता है तो ले. ज. मनोज पांडे सबसे सीनियर अधिकारी बचेंगे और वह अगले सेना प्रमुख बनाए जा सकते हैं.
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