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देश में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों के सरकारी आंकड़ों पर बहस है. ऐसे आरोप लग रहे हैं कि कोरोना से होने वाली मौतों की अंडररिपोर्टिंग हो रही है. हाल ही में न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक दर्जन से भी अधिक विशेषज्ञों से परामर्श करके भारत के सरकारी मौत- संक्रमण के आंकड़ों के साथ-साथ लार्ज स्केल एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों का विश्लेषण किया है. रिपोर्ट में तीन स्थितियों का जिक्र है और बताया गया है कि इन तीनों ही स्थितियों भारत में मौत के आंकड़े सरकारी आंकड़ों 3 लाख 15 हजार से कहीं ज्यादा 6 लाख से 42 लाख के बीच हो सकते हैं. वहीं संक्रमण का आंकड़ा 40 करोड़ से 70 करोड़ के बीच का बताया गया है.
अब सरकार ने न्यूयॉर्क टाइम्स की इस रिपोर्ट को पूरी तरह से गलत और आधारहीन बताया है. सरकार का कहना है कि बिना किसी सबूत के तोड़ मरोड़कर पेश किए गए अनुमानों के आधार पर ये रिपोर्ट की गई है.
सरकार ने इस रिपोर्ट को तो खारिज कर दिया है लेकिन कई दूसरी ऐसी स्टडी भी हैं जो सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा मौतों की बात कर रही हैं. वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवेल्यूएशन (IHME) की स्टडी भी अंडर रिपोर्टिंग का दावा कर रही है.
6 मई को IHME ने अपनी एक स्टडी पब्लिश की थी. इस स्टडी में मार्च 2020 से मई के शुरुआती हफ्ते के आंकड़ों का अध्ययन किया गया. बताया गया कि दुनियाभर में अबतक 69.3 लाख मौतें हो चुकी हैं और सबसे ज्यादा मौतों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है. 6 मई को पब्लिश की गई इस रिपोर्ट में भारत में दर्ज किए गए मौत के आंकड़े 221,181 बताए गए हैं वहीं IHME ने दावा किया कि वास्तविक आंकड़े 654,395 लाख थे. मतलब करीब तीन गुना ज्यादा मौतें.
IHME के डायरेक्टर क्रिस मुरे कोरोना केस और मौतों के सही आंकड़ों को जारी करने की वकालत करते हुए कहते हैं कि मौतों की सही संख्या पता चलने से इस ग्लोबल क्राइसिस से बेहतर तरीके से लड़ा जा सकता है. पॉ़लिसी मेकर भी अपनी योजनाओं को बनाने के लिए सटीक आंकड़ों का इस्तेमाल कर सकेंगे.
9 मई को अमेरिका के जानेमाने पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट आशीष के. झा ने भी भारत में COVID-19 के चलते होने वाली मौतों और संक्रमण के आधिकारिक आंकड़ों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि हर रोज मौतों का जो आंकड़ा 4000 के करीब बताया जा रहा है, वो 25000 के आसपास हो सकता है.
डॉक्टर झा ने ट्वीट में कहा था,''भारत में एक दिन में 400000 से ज्यादा और (COVID-19) केस, इसके चलते 4000 से ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं.'' इसके आगे उन्होंने लिखा है कि ये आंकड़े सही नहीं हैं.
उन्होंने लिखा है, ‘’आज सही आंकड़े निश्चित तौर पर करीब 25000 मौत और 2-5 मिलियन संक्रमण के होंगे.’’ अपनी बात के पीछे का आधार बताते हुए डॉक्टर झा ने कहा है, ‘’अनुमान लगाने के बहुत सारे तरीके हैं, लेकिन यहां एक सरल तरीका है. श्मशानों को देखो.’’
कानपुर औऱ वाराणसी जैसे जिलों में अप्रैल और मई के बीच जारी डेथ सर्टिफिकेट और कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में जो अंतर है, उसे लेकर भी क्विंट हिंदी ने रिपोर्ट की थी. कई दूसरे पब्लिकेशंस ने भी यूपी के अलग-अलग जिलों में श्मशान घाट पर जलती चिताओं और कोरोना के आंकड़ों में बड़ा अंतर पाया था औऱ दावा किया था कि कोरोना से कई ऐसी मौतें हो रही हैं जो रजिस्टर नहीं हो पा रही हैं.
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