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स्वास्थ्य मंत्रालय की मानें तो 24 मई तक भारत में लगभग 3.07 लाख लोगों की मृत्यु कोरोना से हो चुकी थी जबकि 2.69 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके थे. यह आंकड़ा अपने आप में भयानक है. सरकारी आंकड़ों में अंडर रिर्पोटिंग कि बात लगातार हो रही है. अब न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक स्टडी में दावा किया है कि मौत और संक्रमण के वास्तविक आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हैं.स्टडी के मुताबिक कम से कम भी माने तो भारत में कोरोना से अबतक 6 लाख मौत और 40.42 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके है.
इस विश्लेषण में भारत में कोरोना संक्रमितों और मौतों के वास्तविक आंकड़ों का अनुमान लगाने के लिए भारत में कराए गए तीन देशव्यापी एंटीबॉडी टेस्ट के नतीजों का इस्तेमाल किया गया. इन्हें सीरो सर्वे भी कहते हैं.
तीनों सीरो सर्वे के अनुसार वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से 13.5 गुना से लेकर 28.5 गुना तक ज्यादा थी. इस विश्लेषण के नतीजे पर पहुंचने के लिए 'कम से कम' वाले स्थिति में वास्तविक संक्रमितों की संख्या को सरकारी आंकड़ों के 15 गुना माना गया है. यानी 24 मई 2021 तक अनुमानित वास्तविक संक्रमितों की संख्या 40.42 करोड़ होगी. इसी तरह 'अधिक आशंका' वाले स्थिति में यह 20 गुना जबकि 'सबसे खराब स्थिति' में 26 गुना ज्यादा माना गया है. इसका कारण है कि सीरो सर्वे में आए नतीजे यह बताते हैं कि वास्तविक संख्या सरकारी आंकड़ों से इस हद तक ज्यादा है.
इसी तरह मौत के आंकड़ों के लिए 'कम से कम' वाले स्थिति में इंफेक्शन से मृत्यु की दर (यानी संक्रमितों में से कितनों की मौत हुई) को 0.15% लिया गया, 'अधिक आशंका' वाले स्थिति में 0.30% लिया गया ,जबकि भारत के खस्ताहाल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए 'सबसे खराब स्थिति' में 0.6% लिया गया. 2020 के अंत में अमेरिका में इंफेक्शन से मृत्यु की दर 0.30% थी.
स्टडी में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जैसे देश में सीरो सर्व के नतीजे भी वास्तविक स्थिति से कम हो सकते हैं. इसलिए ये भी संभव है वास्तविक संक्रमण और मौत का आंकड़ा सबसे खराब स्थिति में दर्शाए गए आंकड़े से भी ज्यादा हो.
डॉ इंगविल्ड अल्मास, डॉ. मुराद बनजी,डॉ. टेसा बोल्ड, डॉ सेलीन घिसोल्फी, डॉ. रामनन लक्ष्मीनारायण,डॉ. भ्रामण मुखर्जी, डॉ. पॉल नोवोसाद, डॉ. मेगन ओ'ड्रिस्कॉल, डॉ. जेफरी शमन, डॉ. कायोको शिओडा,रुक्मिणी श्रीनिवासन और डॉ. डैन वेनबर्गर.
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