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आईटी मिनिस्ट्री ने फेसबुक कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान इसकी जानकारी दी. सरकार ने कैंब्रिज एनालिटिका से उसकी सेवा लेने वाली कंपनियों के नाम के खुलासे के लिए कहा था. आईटी मिनिस्टर के नोटिस में कहा गया था कि कंपनी भारतीयों के डेटा का इस्तेमाल कर रही है और क्या इस तरह के डेटा के आधार पर कोई प्रोफाइलिंग की गई थी?
फेसबुक के जरिये लोगों के डेटा चुराने का मामला सामने आने के बाद कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर लिया था. हालांकि कंपनी का कहना है डेटा चोरी में उसकी कोई भूमिका नहीं है.
कैंब्रिज एनालिटिका पर गलत तरीके से पांच करोड़ से ज्यादा फेसबुक यूजर्स के प्रोफाइल जानकारियां लेकर चुनाव नतीजों को प्रभावित किया है. ब्रिटेन और अमेरिका की एजेंसियां भी फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका की जांच कर रही है.
कैंब्रिज एनालिटिका को भेजे गए नोटिस में पूछा गया है कि क्या कंपनी चुनावों को प्रभावित करने के लिए भारतीयों के डेटा इकट्ठा करने में शामिल थी. कंपनी ने जिन लोगों को ये काम सौंपा था वे कौन लोग थे. मंत्रालय ने यह भी पूछा है कि उसे लोगों का डेटा कैसा मिला और कंपनी ने उनका इस्तेमाल कैसे किया.
इस मामले में बीजेपी ने आरोप लगाया था कि 2019 का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस एनालिटिका की सेवाएं ले रही है. कैम्ब्रिज एनालिटिका के पूर्व कर्मचारी और व्हिसलब्लोअर क्रिस्टोफर वायली ने भी आशंका जताई थी कि कांग्रेस ने उनसे सेवाएं ली थीं. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर अपने हमले और तेज कर दिए थे. दूसरी ओर, कांग्रेस ने कहा था कि उसने नहीं 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने ही जीतने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका की मदद ली थी.
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