advertisement
मदर टेरेसा (Mother Teresa) द्वारा बनाए गए चैरिटी संगठन, मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) ने साफ किया है कि सरकार ने उनके बैंक अकाउंट्स फ्रीज नहीं किए हैं. 27 दिसंबर को बयान जारी कर संगठन ने कहा कि उन्हें केंद्र सरकार ने उनके फॉरन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने से इनकार कर दिया है. हालांकि, सरकार ने इसके पीछे कोई वजह नहीं बताई है.
संगठन को 25 दिसंबर को उनके FCRA रजिस्ट्रेशन के रीनिवल से इनकार कर दिया गया था. ये रीनिवल फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन की स्वीकृति और उपयोग के लिए जरूरी है. FCRA रिन्यू नहीं होने से संगठन को विदेशी फंडिंग नहीं मिल पाएगी.
इस बीच, गृह मंत्रालय ने एक बयान में ये भी कहा कि MoC के FCRA रजिस्ट्रेशन का रिनीवल 31 दिसंबर 2021 तक वैध था और 25 दिसंबर को मना कर दिया गया था.
ये कहते हुए कि MoC के बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया, गृह मंत्रालय ने कहा कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) के FCRA रजिस्ट्रेशन के रिनिवल को 25 दिसंबर को कथित तौर पर “FCRA 2010 और फॉरन कॉन्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन रूल्स (FCRR) 2011 को पूरा नहीं करने के लिए मना कर दिया गया."
गृह मंत्रालय ने बताया कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी के किसी भी खाते को फ्रीज नहीं किया गया है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सूचित किया है कि मिशनरीज ऑफ चैरिटी ने खुद SBI को अपने खातों को फ्रीज करने का अनुरोध भेजा है.
ममता बनर्जी के दावे के बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) ने कहा कि उनके खातों को सील नहीं किया गया है. मिशनरीज ऑफ चैरिटी की प्रवक्ता सुनिता कुमार ने बाताया कि भारत सरकार ने उनके किसी खाते को सील नहीं किया है, न ही उनके पास इसे लेकर कोई जानकारी है.
एक चैनल से बातचीत में सुनिता कुमार ने कहा, "नहीं...हमें इस बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है. जहां तक मेरी बात है, मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं है. भारत सरकार ने हमें ऐसा कुछ भी नहीं बताया है. बैंक ट्रांजेक्शन अच्छे से हो रहे हैं. सब ठीक है."
MoC ने कहा कि ये सुनिश्चित करने के कि कोई चूक न हो, हमने अपने केंद्रों से कहा है कि जब तक मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक वे किसी भी FC खाते का संचालन न करें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)