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दिल्ली की अवैध कॉलोनियों और BSNL- MTNL मर्जर: कैबिनेट के अहम फैसले

दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियां होंगी नियमित, 40 लाख लोगों को मिलेगा मालिकाना हक

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
पीएम नरेंद्र मोदी
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पीएम नरेंद्र मोदी
(फोटो: PTI)

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने और दिल्ली की अवैध कॉलोनियों को नियमित किए जाने समेत चार बड़े फैसले लिए.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी है.

दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनी में रहने वालों को मिलेगा मालिकाना हक

मोदी कैबिनेट की बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. मोदी कैबिनेट ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है.

सरकार के इस फैसले से दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे 40 लाख लोगों को फायदा मिलेगा.

BSNL और MTNL का मर्जर

मोदी सरकार ने घाटे में चल रही टेलिकॉम कंपनियों MTNL और BSNL के मर्जर का फैसला किया है. सरकार घाटे में चल रही दोनों टेलिकॉम कंपनियों के लिए रिवाइवल पैकेज लेकर आई है, जिसमें कर्मचारियों के लिए सॉवरेन बॉन्ड, मॉनेटाइसिंग एसेट्स और कर्मचारियों के लिए वॉलेंटियर रिटायरमेंट स्कीम (वीआरएस) शामिल है.

BSNL-MTNL का विलय(फोटो: Reuters)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार दोनों कंपनियों को घाटे से निकालने के लिए 29,937 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

  • BSNL-MTNL का विलय होगा.
  • विलय होने तक MTNL, BSNL की सब्सिडियरी रहेगी
  • कॉस्ट कम करने के लिए कर्मचारियों के लिए VRS स्कीम आएगी
  • अगले चार साल में 38000 करोड़ की संपत्ति का मौद्रीकरण होगा
  • 4G spectrum आवंटित किया जाएगा
  • 15000 करोड़ रुपए के बॉन्ड जारी होंगे
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नॉन-ऑइल कंपनियों को फ्यूल रिटेलिंग के अधिकार देगी सरकार

अब नॉन-ऑइल कंपनियां भी फ्यूल रिटेलिंग सेक्टर में काम कर पाएंगी. सरकार ने कॉम्पटिशन बढ़ाने के लिए अब फ्यूल रिटेलिंग के लिए नियमों में ढील दे दी है. कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार के इस फैसले से पेट्रोल पंप बढ़ेंगे और इन्वेस्टमेंट भी बढ़ेगा.

अब तक, फ्यूल रिटेलिंग लाइसेंस हासिल करने के लिए किसी भी कंपनी को हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन, रिफाइनिंग, पाइपलाइन या लिक्वीफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) टर्मिनलों में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की जरूरत होती है.

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने ट्रांसपोर्टेशन फ्यूल की मार्केटिंग के लिए अथॉराइजेशन देने के लिए दिशानिर्देशों की समीक्षा को मंजूरी दे दी है.

सरकार ने कहा है कि 250 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनियां फ्यूल रिटेलिंग सेक्टर में आ सकती हैं, लेकिन शर्त ये होगी कि इन कंपनियों को 5 फीसदी आउटलेट ग्रामीण क्षेत्रों में लगाने होंगे.

इंडियन ऑयल कॉर्प (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (HPCL) जैसी सरकार के स्वामित्व वाली ऑइल मार्केटिंग कंपनियों के वर्तमान में देश में 65,000 पेट्रोल पंप हैं.

रिलायंस इंडस्ट्रीज, नायरा एनर्जी - पूर्व में एस्सार ऑयल और रॉयल डच शेल बाजार में प्राइवेट प्लेयर हैं, लेकिन इनकी उपस्थिति सीमित है. दुनिया के सबसे बड़े ऑइल रिफाइनिंग कॉम्पलेक्स का संचालन करने वाली रिलायंस के पास भी 1,400 से भी कम आउटलेट हैं.

न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के फैसले को मंजूरी

किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट ने साल 2020- 2021 के लिए रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला लिया है.

सरकार ने गेंहू के लिए 85 रुपये बढ़ाकर न्यूनतम मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल और दालों के लिए 325 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है.

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Published: 23 Oct 2019,05:35 PM IST

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