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सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में पहुंच रही है. भारत सरकार ने बुधवार, 15 सितंबर को कहा कि राष्ट्रीय एयरलाइन कंपनी 'एयर इंडिया' (Air India) को खरीदने के लिए कई बोलियां लगाई गई हैं.
इस बीच, प्रिंसिपल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी 'टाटा संस' के प्रवक्ता ने पीटीआई को बताया कि उसने भी एयरलाइन को खरीदने के लिए बोली लगाई है.
डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट्स एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने ट्वीट करके कहा कि,
सरकार, सरकारी नियंत्रण वाली राष्ट्रीय एयरलाइन एयर इंडिया में अपनी 100% हिस्सेदारी बेचने की कोशिश कर रही है. जिसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड में 50% हिस्सेदारी शामिल है.
एयर इंडिया का विनिवेश लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है. एयरलाइन पर 60,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है. केंद्र सरकार इसके विनिवेश को लेकर पूरी तरह तैयार है.
पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि एयर इंडिया का '100 फीसदी विनिवेश' किया जाएगा और इसे 'एक नया घर ढूंढना चाहिए.' पुरी ने विनिवेश की संभावित डेडलाइन का भी ऐलान किया. उन्होने ये भी कहा था कि कि पवन हंस जैसे बाकी PSU के विनिवेश की भी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
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