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इस बार का कांग्रेस का घोषणापत्र बहुत रोचक है. वैसे तो इसमें सबके लिए कुछ न कुछ है. लेकिन सबसे खास बात है जिस पर लोगों की नजर नहीं गई वो है कांग्रेस की तरफ से गोशाला बनाने का वादा.
हालांकि गाय और गोशाला का कांग्रेस ने कभी विरोध नहीं किया था, लेकिन इतना खुलकर कभी नहीं कहा था. मोदी सरकार के आने के बाद से गाय और गोशाला अभियान पूरी तरह बीजेपी जुड़ गया है. बीजेपी की सरकार वाले कई राज्यों ने हाल में गोरक्षा को लेकर सक्रियता बहुत बढ़ गई है.
इस बार गुजरात में इस बार कांग्रेस की स्ट्रैटेजी बदली बदली है. घोषणापत्र में तो ऊपर से नीचे तक इसकी छाप दिखती है. मतलब कांग्रेस न मौका लेना चाहती है और न देना चाहती है.
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कांग्रेस का सबसे अहम वादा है गोशाला बनाने का. घोषणापत्र में कहा गया है कि गोरक्षा कानून का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा. इसका रोडमैप भी दिया गया है कि नई गोशालाएं बनाई जाएंगी और उन्हें चलाने के लिए धन की व्यवस्था भी सरकार कराएगी. कांग्रेस की यह नई स्ट्रैटेजी है इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती.
कांग्रेस का कहना है कि दूध ना देने वाली गायों को कसाईघर जाने से रोकने के लिए पक्का सिस्टम तैयार किया जाएगा. उसकी सरकार बनी तो राज्य के हर जिले की गोचर जमीन में नई गोशालाएं बनाएंगे और गोरक्षा कानून, गोचर जमीन कानून दोनों का सख्ती से पालन किया जाएगा. गोचर जमीन का इस्तेमाल गायों के लिए चारा और गोशाला के लिए ही किया जाएगा.
कांग्रेस की ये योजना बीजेपी को बैकफुट पर लाने की कोशिश है. मंगलसूत्र सिर्फ हिंदू शादीशुदा महिलाएं ही पहनती हैं और इसके साथ धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं. मतलब साफ है कांग्रेस अपने पर लगी तुष्टिकरण की छाप से ना सिर्फ बचना चाहती है, बल्कि खुलकर हिंदुओं के पक्ष में बोलने से संकोच नहीं कर रही है. गरीब हिंदू महिलाओं को मंगलसूत्र के लिए सरकार की तरफ से 11,000 रुपए दिए जाएंगे.
गुजरात में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में दलितों के कई आंदोलन हुए थे. जिसके बाद दलित नेता जिग्नेश मेवानी के साथ कांग्रेस का गठजोड़ किया है. दलितों को लुभाने के लिए तमाम वादों के अलावा खंभात की खाड़ी में डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडर की विशाल मूर्ति लगाने का भरोसा भी दिया गया है.
इसके साथ ही दलितों के साथ अंतर्जतीय विवाह करने वालों को इनाम के तौर पर मिलने वाली रकम बढ़ाने का वादा भी घोषणापत्र में है.
युवा बेरोजगारों को नौकरी मिलने तक तीन से चार हजार रुपए महीना बेरोजगारी भत्ता देने का भी वादा किया गया है. 12 पास को 3000 रुपए, ग्रेजुएट को 3500 रुपए और पोस्टग्रेजुएट को 4000 रु महीना भत्ता मिलेगा.
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इस बात की पूरी सावधानी रखी है कि उनके साथ गठजोड़ बनाने वाले पाटीदार, ओबीसी और दलित तीनों वर्गों के लोगों को खुश रखना. कांग्रेस ने वादा किया है कि पाटीदार आंदोलन को कुचलने में हुई कथित ज्यादतियों की जांच के लिए एसआईटी बनाई जाएगी. इसके अलावा सभी तरह के राजनीतिक प्रदर्शनकारियों पर लगे मुकदमे वापस लिए जाएंगे.
कांग्रेस का इस बार का घोषणापत्र 2012 के मुकाबले काफी अलग है. कांग्रेस ने भरपूर रिसर्च के बाद घोषणापत्र बनाया है. जैसे इस बार हर किसी के लिए कुछ ना कुछ है. पिछली बार कॉलेज स्टूडेंट को फ्री लैपटॉप और 10 वीं से 12 वीं क्लास के बच्चों के लिए टेबलेट का वादा था. लेकिन कांग्रेस का कहना इस बार बहुत बड़े पैमाने पर लोगों से चर्चा और जरूरतों के हिसाब से घोषणापत्र में वादों की झड़ी लगाई गई है.
कांग्रेस के घोषणापत्र के मुकाबले बीजेपी ने इस बार कोई घोषणापत्र जारी नहीं किया है. बीजेपी को भरोसा है कि घोषणापत्र के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम और विकास का पिछला रिकॉर्ड ही काफी है.
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