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गुजरात के भावनगर इलाके में एक दलित आरटीआई एक्टिविस्ट के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी गई है. बताया जा रहा है कि आरटीआई एक्टिविस्ट को पहले भी धमकी मिली थी जिसके बाद उन्हें सुरक्षा दी गई थी.
भावनगर जिले के घोघा तालुका में 50 वर्षीय आरटीआई कार्यकर्ता अमराभाई बोरिचा के परिजनों का आरोप है कि उनके घर के बाहर हमला किया गया. जिसके बाद वो जान बचाने के लिए घर के अंदर चले गए लेकिन बदमाशों ने उनके घर का गेट तोड़कर दिया और अंदर घुस आए. उनपर लोहे की पाइप, तलवार और भाले से हमला किया गया. जिसके बाद बोरिचा की मौत हो गई.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक धमकी मिलने के बाद, बोरिचा को पहले एसआरपी इकाई सुरक्षा दी गई थी, जिसे बाद में वापस ले लिया गया और फिर ग्राम रक्षक दल (जीआरडी) के जवानों को तैनात किया गया.
भावनगर रेंज के आईजी अशोक यादव के हवाले से अखबार लिखता है कि, “मैंने एससी / एसटी सेल के डीएसपी को जांच सौंप दी है और उनसे विस्तृत जांच करने को कहा है. हम परिवार और कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए सभी आरोपों की जांच कर रहे हैं.”
पुलिस उप अधीक्षक, एससी / एसटी सेल, डीवी कोडियार ने कहा,
इस हमले में आरटीआई कार्यकर्ता की बेटी भी घायल हुई हैं. बोरिचा की बेटी निर्मला ने मीडियाकर्मियों को बताया, “पहले उन्होंने हम पर पत्थर फेंके, फिर मेरे पिता ने अपनी सुरक्षा के लिए घर के अंदर आ गए, लेकिन हमलावरों ने गेट को तोड़ दिया, अंदर घुस गए और मेरे पिता पर भाले, लोहे के पाइप और तलवार से हमला किया, जिससे उनकी मौत हो गई.”
इंडियन एक्स्प्रेस ने निर्मला के एक वीडियो क्लिप के हवाले से लिखा है कि ये घटना मंगलवार को शाम 4:30 बजे हुई.
निर्मला ने बताया कि उसके पिता पर साल 2013 में भी हमला हुआ था. इस दौरान उनके पिता का पैर टूट गया था. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है.
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