Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गुजरात:GST-नोटबंदी से बेहाल,लेकिन मणिनगर के लोगों को मोदी पर भरोसा

गुजरात:GST-नोटबंदी से बेहाल,लेकिन मणिनगर के लोगों को मोदी पर भरोसा

पीएम गुजरात के मुख्यमंत्री होने के दौरान मणिनगर का प्रतिनिधित्व करते थे.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
पीएम गुजरात के मुख्यमंत्री होने के दौरान मणिनगर का प्रतिनिधित्व करते थे.
i
पीएम गुजरात के मुख्यमंत्री होने के दौरान मणिनगर का प्रतिनिधित्व करते थे.
(फोटो: PTI)

advertisement

पीएम मोदी नोटबंदी और जीएसटी को भले ही अपनी सरकार की दो बड़ी उपलब्धियों की लिस्ट में रखें, लेकिन मणिनगर के लोग इसे पॉजिटिव नजरिए से नहीं देखते. पीएम गुजरात के मुख्यमंत्री होने के दौरान मणिनगर का प्रतिनिधित्व करते थे.

मणिनगर के लोग अपना दुख शेयर करते हुए बताते हैं कि कैसे इन दो फैसलों ने उनका व्यापार और उपभोक्ताओं की मांग को बुरी तरह से चौपट कर दिया.

लेकिन, फिर भी इनमें से बहुत से लोगों का मानना है कि बीजेपी चुनाव में पीएम मोदी के साथ लोगों के भावनात्मक संबंध की वजह से इस क्षेत्र में जीत हासिल कर लेगी. उनका ये भी मानना है कि मोदी का प्रधानमंत्री बनने के बाद उनकी गैरहाजिरी में राज्य ने प्रशासनिक तौर पर बहुत नुकसान उठाया है.

‘BJP के लिए जीत बेहद आसान’

मणिनगर के मध्य में कंकरिया झील के पास सुबह कई आयु वर्ग और समाज के कई तबकों के लोगों को टहलते या जॉगिंग करते देखा जा सकता है. नरेश भाई (70) राज्य बिजली विभाग से रिटायर्ड अधिकारी हैं. वो सुबह टहलने के बाद अपने घर लौट रहे थे. उनसे जब राजनीतिक परिदृश्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "ये बीजेपी के लिए बेहद आसान है. ये बीजेपी की पारंपरिक सीट है और इसका प्रतिनिधित्व मोदी जी ने भी किया है."

लेकिन, उन्होंने कहा कि मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद एकतरफा फैसले लिए हैं, जो कि लोगों की इच्छा के खिलाफ है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मोदी देश हित में फैसले ले रहे हैं, लेकिन फैसले लेने से पहले लोगों को भरोसे में नहीं ले रहे हैं. उन्होंने नोटबंदी का फैसला लिया, लेकिन लोगों की दिक्कतों के बारे में नहीं सोचा. अब जीएसटी लागू किया है, जिससे व्यापार बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है. विरोध प्रदर्शन के बाद उन्होंने कुछ सही कदम उठाए हैं. उन्हें ये फैसले लोगों को विश्वास में लेकर लेने चाहिए थे.
नरेश भाई, रिटायर्ड अधिकारी, राज्य बिजली विभाग

‘बचत कम हो गई’

हितेश भाई पंचाल (46) खोखरा सर्किल में प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं. वो खुद को जीएसटी से पीड़ित बताते हैं. उन्होंने कहा, "मैंने खातों को संभालने के लिए एक अस्थायी अकांउटेंट की नियुक्ति की थी और उसे 6000 रुपये हर महीने दे रहा था. लेकिन, जीएसटी लागू होने के बाद मुझे स्थायी अकांउटेंट रखने पर मजबूर होना पड़ा. अब 12,000 रुपये हर महीने दे रहा हूं. ये अतिरिक्त 6,000 रुपये जो अकाउंटेंट को दे रहा हूं, पहले मेरी बचत में शामिल होते थे."

नरेश भाई और पंचाल ने हालांकि ये नहीं बताया कि किसको वोट देंगे. लेकिन उन्होंने कहा कि बाद में स्थिति को देखकर अपना फैसला करेंगे.

‘मोदी जी के लिए सब कुछ सहन कर लेंगे’

पांच लोगों के एक ग्रुप ने कहा कि वोट देने को लेकर अपनी साफ राय रखते हैं. कहा, "बेशक धंधे पर मार पड़ी है, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन मोदी जी के लिए सब कुछ सहन कर लेंगे."

लालजी भाई सिंह ने कहा, "वो (मोदी) हमारे नेता हैं. उनका यहां के लोगों से भावनात्मक संबंध है. ये मोदीजी थे जिन्होंने कांग्रेस के शासनकाल में हमें एक समुदाय के अत्याचारों से बचाया था. आज हम उन्हीं की वजह से सुरक्षित महसूस करते हैं."

टैक्सी चालक महेश भाई चौहान ने कहा कि तमाम समस्याओं के बावजूद यहां लोग बीजेपीको वोट देंगे. उन्होंने कहा कि पूरे गुजरात में बीजेपी जीते या ना जीते, पर यहां से तो जीतेगी ही.

ये भी पढ़ें- गुजरात चुनाव: मुस्लिमों के मुद्दे और मुसलमान उम्मीदवार दोनों गायब

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT