advertisement
अहमदाबाद नगर निगम ने मीट बेचने वाली ठेला गाड़ियों को जब्त करने के बाद 25 रेहड़ी वालों की याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने गुरुवार को एएमसी (निगम) को फटकार लगाई और उसे मामलों पर जल्द से जल्द विचार करने का निर्देश दिया है.
सुनवाई के दौरान जस्टिस बीरेन वैष्णव ने पूछा कि “नगर निगम को क्या तकलीफ होती है?”
याचिका में कहा गया कि बिना किसी आधिकारिक आदेश के और वडोदरा, सूरत, भावनगर, जूनागढ़ और अहमदाबाद में नगर निगम द्वारा लिए गए फैसलों के कारण गाड़ियां जब्त की गईं और पिछले महीने राजकोट के मेयर की ने कहा था कि मांसाहारी भोजन बेचने वाली गाड़ियां धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं.
निगम द्वारा कोर्ट में कहा गया कि याचिका "कुछ गलत धारणा के तहत" दायर की गई है और "सभी मांसाहारी (गाड़ियों) को हटाने के लिए कोई अभियान नहीं है". निगम ने कहा कि इन्हें हटाने का कारण "सड़क पर अतिक्रमण है, जो सार्वजनिक यातायात में बाधा है या पैदल चलने वालों के लिए समस्या बनता है".
निगम ने इस बात से इनकार किया ब्लॉक्ड फुटपाथों की तस्वीरों का हवाला दिया जिसपर जस्टिस वैष्णव ने जवाब दिया, "अगर अतिक्रमण है, तो इसे जाना होगा. लेकिन आप सिर्फ इस बात पर जब्त नहीं कर सकते कि कोई बयान दे दे कि कल से मुझे अपने आसपास अंडा खाने वाले नहीं चाहिए."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)