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राजस्‍थान: गुर्जरों ने फिर मांगा आरक्षण,15 मई से आंदोलन की चेतावनी

राजस्थान में मौजूदा आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तक पहुंच चुकी है.

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भारत
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आरक्षण की मांग को लेकर चले पिछले आंदोलन में गुर्जरों ने कई जगह रेल पटरियों पर डेरा जमाया था
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आरक्षण की मांग को लेकर चले पिछले आंदोलन में गुर्जरों ने कई जगह रेल पटरियों पर डेरा जमाया था
(फाइल फोटो: द क्विंट )

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राजस्थान में गुर्जरों ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में से 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर 15 मई से आंदोलन की चेतावनी दी है.

गुर्जर संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने बताया कि आरक्षण देने की मांग को लेकर फिर से आंदोलन करने का निर्णय रविवार को लिया गया है.

गुर्जरों ने फिर से आंदोलन शुरू करने का निर्णय किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में आयोजित एक बैठक में लिया है. आरक्षण की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए लोगों से 15 मई को 'पीलू का पुरा' में आयोजित महापड़ाव में शामिल होने के लिए कहा गया है.

फिलहाल गुर्जर समाज को अति पिछड़ा वर्ग के तहत एक फीसदी आरक्षण मिल रहा है, लेकिन उनकी मांग है कि गुर्जर और अन्य जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग में से पांच फीसदी आरक्षण दिया जाए.

गुर्जरों और चार अन्य जातियों को 1 फीसदी आरक्षण

पिछले साल दिसंबर में राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने गुर्जरों और चार अन्य जातियों को एक फीसदी आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी किया था. तभी से गुर्जर नेता इस आरक्षण से खुश नहीं थे. उन्होंने तभी कहा था कि वो इसका विरोध करेंगे.

राजस्थान सरकार ने इन जातियों का ओबीसी स्टेटस बरकरार रखते हुए 50 फीसदी रिजर्वेशन लिमिट के भीतर ही उन्हें आरक्षण दिया था. इससे पहले गुर्जर समुदाय के लोगों ने चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें नौकरियों में आरक्षण नहीं दिया, तो वह विरोध में सड़कों पर उतरेंगे.

राज्य में मौजूदा आरक्षण की सीमा अब तक 49 फीसदी थी, लेकिन अब सरकार की ओर से 1 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण देने से यह निर्धारित सीमा 50 फीसदी तक पहुंच चुकी है.
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बता दें, इससे पहले कई दूसरी जातियों के लोग भी आरक्षण की मांग के लिए समय-समय पर कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं. फरवरी, 2016 में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे. इस दौरान हजारों करोड़ रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था.

(इनपुट भाषा से)

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