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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 27 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर रोक लगा दी है. अदालत अब इस मामले में 3 अगस्त को वाराणसी जिला न्यायाधीश के ज्ञानवापी मस्जिद के 21 जुलाई के एएसआई सर्वेक्षण आदेश को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की चुनौती पर अपना आदेश सुनाएगा. तब तक एएसआई सर्वेक्षण पर रोक के संबंध में अंतरिम आदेश जारी रहेगा. मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह आदेश पारित किया.
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला 3 अगस्त तक सुरक्षित रखा है और तब तक सर्वे के लिए रोक लगाई गई है."
वहीं, गुरुवार को मामले की सुनवाई के तीसरे दिन अंजुमन मस्जिद कमेटी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एसएफए नकवी ने एक बार फिर आशंका व्यक्त की कि संरचना को नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
उन्होंने पीठ को विवादित स्थल पर फावड़े के साथ एएसआई अधिकारियों की मौजूदगी से भी अवगत कराया. नकवी ने कहा कि अदालत में कोई मुद्दा तय नहीं किया गया है और फिर भी मामले में एक सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है.
हालांकि, जब मुख्य न्यायामूर्ति ने उनसे पूछा कि क्या घटनास्थल पर उपलब्ध फावड़े का इस्तेमाल किया गया था, जैसा कि उन्होंने दावा किया था, तो उन्होंने जवाब दिया कि फावड़े का इस्तेमाल नहीं किया गया क्योंकि अदालत का स्थगन आदेश लागू था.
इस संबंध में, अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन (कैविएटर्स के लिए) ने तर्क दिया कि आयोग किसी भी तरह से याचिकाकर्ता के अधिकारों का हनन नहीं करता है और यदि उन्हें ऐसा लगता है तो वे हमेशा इस पर आपत्ति जता सकते हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई को एएसआई सर्वेक्षण पर 26 जुलाई शाम 5 बजे तक रोक लगा दी था ताकि मस्जिद समिति हाईकोर्ट में अपील कर सके, जिसके बाद हाईकोर्ट ने रोक को गुरुवार (27 जुलाई) तक बढ़ा दिया था.
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