Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Gyanvapi सर्वे करने वालों ने नहीं कहा-वहां शिवलिंग है,ये हिंदू पक्ष वकील का दावा

Gyanvapi सर्वे करने वालों ने नहीं कहा-वहां शिवलिंग है,ये हिंदू पक्ष वकील का दावा

Gyanvapi Masjid पक्ष ने ढांचे को फव्वारा बताया- कोर्ट को सौंपी सर्वे रिपोर्ट में दोनों पक्षों के दावे का जिक्र भर है

पीयूष राय
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Gyanvapi Masjid Case </p></div>
i

Gyanvapi Masjid Case

फोटो : अल्टर्ड बाय क्विंट

advertisement

ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाना में मिले काले रंग की गोलाकार पत्थरनुमा आकृति पर वादी पक्ष के वकील ने दावा किया कि यह ‘शिवलिंग’ है तो मस्जिद समिति के वकीलों ने उसे ‘फव्वारा’ बताया है.

ज्ञानवापी विवाद मामले में विशेष कोर्ट कमिश्‍नर विशाल सिंह ने गुरुवार, 19 मई को वाराणसी की अदालत में अपनी सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi Masjid Survey Report) पेश की. लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद वही कथित रिपोर्ट मीडिया में लीक हो गयी जिसपर कोर्ट कमिश्‍नर विशाल सिंह के भी हस्ताक्षर थे.

हालांकि क्विंट के पास न्यूज चैनलों पर चलाया जा रहे ये लीक डॉक्यूमेंट मौजूद हैं, लेकिन इसकी सत्यता का आधिकारिक तौर पर पता लगाया जाना बाकी है.

इस रिपोर्ट में 14-16 मई के बीच वाराणसी की स्थानीय अदालत के आदेश पर किए गए सर्वे के निष्कर्ष और सर्वे टीम के ऑब्जर्वेशन शामिल हैं. खास बात यह भी है कि इससे पहले सर्वे टीम का नेतृत्व कर रहे एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को मस्जिद कमेटी की आपत्ति के बाद 17 मई को अदालत ने हटा दिया था. अजय मिश्रा पर पक्षपात का आरोप लगाया गया था.

लीक हुई कथित सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, मस्जिद के अंदर मंदिर की वास्तुकला से मिलते-जुलते कई प्रतीक चिन्ह पाए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम पक्ष की मंजूरी के बाद, जब मस्जिद में सर्वे किया गया, तो एक स्विचबोर्ड के नीचे एक पत्थर पर एक "त्रिशूल" चिह्न उकेरा हुआ मिला.

"त्रिशूल" और "स्वस्तिक" जैसे मंदिर वास्तुकला के प्रतीक चिन्ह अन्य स्थानों में, खासकर मस्जिद की दीवारों पर पाए जाने के दावे किए गए हैं.

रिपोर्ट में दो किताबों की बातों का भी उल्लेख किया गया है- प्रोफेसर एएस अल्टेकर की किताब ‘हिस्ट्री ऑफ बनारस’ और जेम्स प्रिंसिपे की किताब ‘व्यू ऑफ बनारस’.

दोनों किताबों का उल्लेख कर अपने उन दावों की पुष्टि करने का प्रयास किया गया है कि मस्जिद के गुंबद के ठीक नीचे के क्षेत्र, जहां नमाज पढ़ी जाती है, का नक्शा (साइट मैप) पुराने आदि विश्वशेश्वर मंदिर से मिलता-जुलता है.

रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि मस्जिद की दीवारों पर जो जिग-जैग कट हैं, उनकी संख्या और आकार वैसा ही है जैसा कि किताब में बताये गए ग्राउंड प्लान में दिखाई देता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इन तथ्यों का किसी जाने-माने इतिहासकार से सत्यापित कराना उचित होगा.

वजू खाने में "शिवलिंग" मिला है?

सर्वे के आखिरी दिन में नाटकीय मोड़ तब आया जब याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील हरि शंकर जैन ने यह दावा करते हुए अदालत का रुख किया कि वजू खाना में ''शिवलिंग'' पाया गया है.

उन्होंने अदालत से मांग की कि जगह को सील कर दिया जाये और मस्जिद में नमाज के लिए मुस्लिमों को न आने दिया जाए. स्थानीय अदालत ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया और प्रशासन को वजू खाना को सील करने का निर्देश दिया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

टीम ने अपनी रिपोर्ट में 16 मई को वजू खाना के सर्वे के दौरान 2.5 फीट लंबा काले रंग की गोलाकार पत्थरनुमा आकृति मिलने का दावा किया है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि सर्वे के दौरान याचिकाकर्ता पक्ष के वकीलों ने दावा किया कि यह (काली पत्थरनुमा आकृति) "शिवलिंग" है, जबकि मस्जिद पक्ष के वकीलों ने दावा किया कि यह एक फव्वारा है".

रिपोर्ट के अनुसार इस आकृति के ऊपर टीम को कटा हुआ गोलाकार डिजाइन का अलग सफेद पत्थर दिखाई पड़ा जिसके बीचो-बीच छेद था. यह छेद 63 CM गहरा पाया गया जबकि इसकी गोलाकार आकृति के बेस का व्यास (रेडियस) 4 फ़ुट पाया गया.

पूर्व एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा की सर्वे रिपोर्ट

ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में एडवोकेट कमिश्नर पद से हटाए जाने के बावजूद अजय मिश्रा ने भी कोर्ट में अपनी दो पेज की रिपोर्ट पेश की है. अजय मिश्रा के नेतृत्व में 6 और 7 मई को सर्वे किया गया था, जिसके बाद अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने उन्हें हटाने की मांग करते हुए अदालत का रुख किया.

अदालत द्वारा नियुक्त असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह के साथ मिलकर अजय मिश्रा ने 14-16 मई तक सर्वे का नेतृत्व किया. 16 मई को मस्जिद समिति के वकीलों द्वारा पक्षपात के आरोपों के बाद अजय प्रताप सिंह को हटा दिया गया.

6 और 7 मई को किए गए सर्वे की अपनी रिपोर्ट में अजय मिश्रा ने दावा किया कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां और मंदिर वास्तुकला से जुड़ीं आकृतियां मस्जिद की दीवारों पर और अंदर रखे मलबे पर खुदी हुई पाई गईं.

अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे से इलाके में तनाव पैदा बढ़ गया था. सर्वे के विरोध में मुस्लिम पक्ष के कई लोगों ने 7 मई को नारेबाजी की थी जब अजय मिश्रा के नेतृत्व में सर्वे टीम मस्जिद के गेट पर पहुंची थी. स्थानीय प्रशासन ने विरोध को शांत कराया जिसके बाद सर्वे का काम पूरा किया गया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT