वाराणसी (Varanasi) के ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Gyanvapi Masjid Case) में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई कल यानि शुक्रवार, 20 मई को दोपहर 3 बजे तीन जजों की बेंच करेगी. कोर्ट ने वाराणसी में ट्रायल कोर्ट से 20 मई तक ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई नहीं करने को कहा है.
वहीं ज्ञानवापी मस्जिद सर्वेक्षण रिपोर्ट पर सहायक न्यायालय आयुक्त अजय प्रताप सिंह ने कहा कि, कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश कर दी गई है.
कोर्ट ने कहा, "याचिकाकर्ताओं द्वारा यह प्रार्थना की गई है कि निचली अदालत के समक्ष कार्यवाही आगे नहीं बढ़नी चाहिए. हम निचली अदालत को यहां की व्यवस्था के अनुसार सख्ती से कार्य करने का निर्देश देते हैं और वाराणसी कोर्ट को कोई भी आदेश पारित करने से बचना चाहिए."
सहायक अधिवक्ता कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि आज सुबह 10:15 बजे स्पेशल कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह के साथ 12 पेज की सर्वे रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर के समक्ष प्रस्तुत की है. हालांकि उन्होंने अधिवक्ता कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा की रिपोर्ट के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा कि पता चला है कि अजय कुमार मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट बुधवार की देर शाम ही पेश कर दी थी. यह रिपोर्ट 6 और 7 मई की हैं. जबकि 14, 15 और 16 मई की रिपोर्ट अजय प्रताप सिंह और विशाल सिंह ने सबमिट की है.
सभी पक्षकार अपना रुख साफ करें- सुप्रीम कोर्ट
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को होने वाली सुनवाई में उत्तर प्रदेश सरकार समेत अन्य पक्षों को कोर्ट के नोटिस का जवाब देना है.कोर्ट ने कहा था कि सभी पक्षकारों को अपना रुख स्पष्ट करना होगा.
कोर्ट ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर के अंदर के क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया, जहां सर्वेक्षण में 'शिवलिंग' पाए जाने की बात कही गई है. साथ ही जस्टीस चंद्रचूड़ और जस्टीस नरसिम्हा की बेंच ने समिति की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि मुसलमान बिना किसी बाधा के वहां नमाज अदा करना जारी रख सकते हैं.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मुकदमे की सुनवाई कर रही वाराणसी की अदालत को आगे की कार्यवाही करने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटा दिया था. इसके बाद अदालत द्वारा नियुक्त विशेष आयोग को भी सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए दो दिन और दिए. आयोग ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए दो दिन का समय मांगा था.
गुरुवार को अदालत उस याचिका पर सुनवाई करेगी जिसमें प्रार्थना करने की अनुमति मांगी गई थी, जहां कथित तौर पर परिसर में 'शिवलिंग' पाया गया है. इसी याचिका में बेसमेंट की दीवारों को गिराने और मलबा हटाने की भी मांग की गई है ताकि और सबूत जुटाए जा सकें.
इससे पहले अदालत ने एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की, जिसमें मस्जिद में सील किए गए क्षेत्र से पाइपलाइनों को स्थानांतरित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है, जिसके माध्यम से नमाजियों को 'वुजू' करने के लिए पानी की आपूर्ति की जाती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)