Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में सवा दो घंटे चली बहस,रिकॉर्डिंग न कराने पर अड़ा विपक्ष

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में सवा दो घंटे चली बहस,रिकॉर्डिंग न कराने पर अड़ा विपक्ष

सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में गहमा गहमी का माहौल रहा.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ विवाद</p></div>
i

ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ विवाद

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर विवाद में बुधवार, 11 मई को वाराणसी कोर्ट के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखी. दोपहर 2 बजे से शुरू हुई कार्रवाही 4:15 बजे तक निर्बाध चली. सवा 2 घंटे की कार्यवाही के बाद कोर्ट ने गुरुवार दोपहर तक फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस प्रकरण में अदालत अपना फैसला गुरुवार दोपहर 12 बजे के बाद सुनाएगी.

उधर, सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर में गहमा गहमी का माहौल रहा. मामले की गंभीरता को देखते हुए कचहरी परिसर में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने भारी पुलिस बल तैनात किया था.

अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने कोर्ट में कहा- मस्जिद के अंदर नहीं हो सकती वीडियोग्राफी

काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के आग्रह पर सिविल जज ने मंगलवार को कोर्ट की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी थी. बुधवार दोपहर अपने बयान में अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ताओं ने अदालत से कहा कि किसी भी हाल में मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी न कराई जाए. उन्होंने अधिवक्ता कमिश्नर का विरोध किया, दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला गुरुवार दोपहर तक के लिए सुरक्षित कर लिया.

वादी पक्ष के वकीलों ने कहा कि विपक्ष अदालत का समय जाया कर रहा है, जो तर्क यहां दे रहे हैं वह हाईकोर्ट में खारिज हो चुका है.

वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने सिविल जज सीनियर डिविजन से मंगलवार को स्वयं मौके पर चलकर सर्वे और वीडियोग्राफी कराने का आग्रह किया था. उन्होंने प्रशासनिक अमले पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. वादी पक्ष के अधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि विपक्ष के पास अदालत में कहने के लिए कुछ भी शेष नहीं है. वह पुरानी बातों को ही नए तरीके से परोस रहे हैं.

अधिवक्ता कमिश्नर को मानने से इंकार कर रहे हैं, मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी न कराने का लगातार दबाव बनाया जा रहा है. इन तर्कों को हाईकोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था.

कोर्ट में सन 1937 के मुकदमे की दलीलें दोहराई गईं

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद में मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में करीब डेढ घंटे तक बहस हुई थी. इस दौरान वादी और प्रतिवादी की ओर से कोर्ट कमिश्नर को बदलने, मस्जिद के भीतर सर्वे की इजाजत देने का मसला उठा था. प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कुछ अन्य तथ्य प्रस्तुत करने के लिए बुधवार तक की मोहलत मांगी थी, जिस पर अदालत ने आज तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी.

वादी अधिवक्ताओ ने अदालत से स्वयं मौके पर चल कर मामले का निस्तारण करने का आग्रह किया था. अधिवक्ताओं ने सन 1937 के दिन मोहम्मद बनाम सेक्रेट्री ऑफ इंडिया मामले का हवाला दिया था, जिसमें तत्कालीन जज ने विजिट करके मामले की आख्या प्रस्तुत की थी. इस मुद्दे को बुधवार को भी दोहराया गया.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या है पूरा मामला?

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर को लेकर 5 महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित पूजा अर्चना के लिए अदालत में वाद प्रस्तुत किया था. इसमें अदालत ने अधिवक्ता कमिश्नर बहाल कर हकीकत जानने के लिए सर्वे और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था. तय तारीख पर अधिवक्ता कमिश्नर काशी विश्वनाथ मंदिर स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए गया था. इस दौरान एक वर्ग के लोगों ने जमकर नारेबाजी की और विरोध में उन्मादी नारे लगाए.

दूसरे दिन अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से अदालत में अधिवक्ता कमिश्नर को बदलने की अर्जी वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां लगाई गई.

उधर दूसरे दिन सर्वे करने गई अधिवक्ता कमिश्नर टीम को विरोध के बाद वापस लौटना पड़ा, तब से अब तक सर्वे और वीडियोग्राफी कार्य रुका हुआ है. अदालत में लगातार पांच दिन की बहस के बाद सिविल जज सीनियर डिविजन ने अपना फैसला गुरुवार की दोपहर तक सुरक्षित रखा है. बता दें कि सोमवार को अदालत में हुई सुनवाई के दौरान वादी-प्रतिवादी पक्ष और एडवोकेट कमिश्नर ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की थीं.

वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से मांगा स्पष्ट दिशा निर्देश

वादी पक्ष के अधिवताओं ने कोर्ट से कहा कि एडवोकेट कमिश्नर अपना काम सही तरीके से कर रहे हैं और सर्वे का काम बाधित करने के लिए प्रतिवादी झूठे आरोप लगा रहे हैं. ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी और सत्यापन की अनुमति दी जाए. वादी पक्ष ने अदालत से आग्रह किया की श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में स्पष्ट आदेश करें, जिसमें सर्वे और वीडियोग्राफी समेत अन्य कार्रवाई के लिए साफ निर्देश रहे, ताकि इस कार्य में किसी प्रकार का अर्चन पैदा न हो सके.

इनपुट- चंदन पांडेय

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT