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Haridwar Kumbh Mela 2021: हरिद्वार में कुंभ मेले की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी, जिसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. हालांकि इस बार कोरोना महामारी की वजह से कुंभ मेले की अवधि को घटा दिया गया है. इसलिए इस बार कुंभ मेला केवल 28 दिन का होगा. 1 अप्रैल से शुरू होने वाले कुंभ मेले का 28 अप्रैल को समापन हो जाएगा.
हरिद्वार कुंभ मेला 2021 को लेकर यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे भी स्पेशल ट्रेनें (Special trains) चलाने की तैयारी कर रहा है. अगर आप हरिद्वार कुंभ मेला 2021 में स्नान करने जाना चाहते हैं तो कोराना के इस दौर में आप रेलवे के जरिए सुरक्षित सफर कर हरिद्वार पहुंच सकते है.
सामान्यतः हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ मेले की अवधि 4 माह की होती है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से मेले की अवधि को घटा दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय इस बारे में एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर जारी की है. कुंभ मेले में आने वाले हर श्रद्धालु को कोरोना महामारी के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस SOP का पालन करना होगा.
कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए कुंभ मेले की अवधि को लेकर हाईकोर्ट ने भी राज्य सरकार को मेले की अवधि सीमित करने के लिए कहा था. इस संबंध में साधु-संतों से बातचीत करने के बाद कुंभ मेले की अवधि को घटाकर एक माह तक कर दिया गया.
हरिद्वार में इस बार कुंभ मेले का आयोजन 12 साल बाद के बजाय 11 साल के बाद हो रहा है। वैसे कुंभ मेला 12 साल में होता है।
हरिद्वार कुंभ का पहला शाही स्नान, महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होगा. 11 मार्च शिवरात्रि को पहले शाही स्नान पर संन्यासियों के साथ और 27 अप्रैल वैशाख पूर्णिमा पर बैरागी अणियों के तीन अखाड़े कुंभ में स्नान करते हैं। 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल मेष संक्रांति के मुख्य शाही स्नान पर सभी 13 अखाड़ों का हरिद्वार कुंभ में स्नान होगा।
कोरोना महामारी के समय में आयोजित होने वाला यह कुंभ मेला बीते अन्य कुंभ मेलों से काफी अलग होगा. इस बार कुंभ मेले के दौरान किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन एवं भण्डारे के आयोजन की मनाही रहेगी। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने हेतु यह नए नियम जारी किए हैं।
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