Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हरियाणा लिंचिंग केस: लैब रिपोर्ट में नहीं निकला गोमांस, मृतक साबिर के परिजनों ने क्या कहा?

हरियाणा लिंचिंग केस: लैब रिपोर्ट में नहीं निकला गोमांस, मृतक साबिर के परिजनों ने क्या कहा?

Haryana Mob Lynching: 27 अगस्त को गोमांस पकाने और खाने के शक में साबिर मलिक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी.

मोहन कुमार
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>हरियाणा के चरखी-दादरी  में 27 अगस्त को पश्चिम बंगाल के युवक साबीर मलिक की हत्या कर दी गई थी.</p></div>
i

हरियाणा के चरखी-दादरी में 27 अगस्त को पश्चिम बंगाल के युवक साबीर मलिक की हत्या कर दी गई थी.

(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा संपादित)

advertisement

"मुसलमान के नाम पर लोगों को मारा जा रहा है. आर्यन नाम के लड़के को मारने से पहले उन लोगों (गोरक्षक) ने सोचा कि वो भी मुसलमान है. लेकिन वो ब्राह्मण परिवार का था. क्या मुसलमान इंसान नहीं है? वो लोग सोच रहे हैं कि हम लोग बांग्लादेशी हैं." ये कहना है साबिर मलिक की पत्नी शकीला सरदर का.

हरियाणा (Haryana) के चरखी-दादरी (Charkhi-Dadri) के बाढड़ा कस्बे में 27 अगस्त को गोमांस पकाने और खाने के शक में पश्चिम बंगाल निवासी साबिर मलिक की कथित गोरक्षकों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. साबिर कबाड़ खरीद-बिक्री का काम करते थे.

इस वारदात के करीब दो महीने बाद पुलिस द्वारा लिए गए मांस के नमूने की फाइनल रिपोर्ट आ गई है. जिसमें गोमांस की पुष्टि नहीं हुई. जांच के लिए मांस का सैंपल फरीदाबाद लैब भेजा गया था. क्विंट हिंदी से बातचीत में चरखी-दादरी एसपी पूजा वशिष्ठ ने कहा कि "जो सैंपल लिए गए थे, वह गोमांस नहीं था."

पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

साबिर के परिवार ने क्या कहा?

क्विंट हिंदी से बातचीत में शकीला सरदर कहती हैं, "हमें पहले से पता था कि वो गोमांस नहीं है. हमारे घर में भी नहीं था, दूसरे के घर में मिला था. उन लोगों को कुछ नहीं किया. हमारे घर से आदमी को बुलाकर ले गया और मार दिया."

"मेरा आदमी चला गया. मेरी तीन साल की बेटी है. आप ही बताइए मैं अब क्या करूं."

पश्चिम बंगाल की साउथ 24 परगना निवासी शकीला और साबिर की 6 साल पहले शादी हुई थी. दोनों पिछले तीन सालों से अपनी बेटी के साथ हरियाणा में रह रहे थे. शकीला के पिता और भाई भी साथ रहते थे.

मृतक साबिर मलिक

(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)

क्विंट हिंदी से बातचीत में साबिर के चाचा बाबर मलिक बताते हैं कि उन्हें गोमांस नहीं होने की खबर के बारे में अखबार से पता चला.

शकीला बताती हैं कि उस दिन उनके घर पर अंडा और भिंडी की सब्जी बनी थी. लेकिन इसके बारे में उनसे किसी ने नहीं पूछा.

मांस के जो सैंपल लिए गए थे, वो किस जानवर के थे? इस सवाल के जवाब में एसपी वशिष्ठ कहती हैं कि "उसका पता नहीं चल पाया है."

"अब तक नहीं मिला डेथ सर्टिफिकेट"

शकीला कहती हैं, "वहां की सरकार (हरियाणा सरकार) ने हमारी सुध तक नहीं ली. उल्टा बोल रहे हैं- पब्लिक ने ये किया है, हम लोग क्या करें. गोमाता के लिए पब्लिक को मारा जा रहा है. क्या वो लोग गोमाता से वोट लेते हैं. गोरक्षक के नाम से उन लोगों ने गुंडा छोड़ रखा है."

आरोप लगाते हुए वो आगे कहती हैं कि हरियाणा सरकार से उन्हें किसी तरह की मदद नहीं मिली, "वहां की सरकार न तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दे रही और न ही डेथ सर्टिफिकेट."

इसके साथ ही शकिला बताती हैं कि ममता सरकार से उन्हें आर्थिक मदद के रूप में तीन लाख रुपये और एक नौकरी मिली है. उनकी सैलरी 10 हजार रुपये है.

साबिर हरियाणा के चरखी-दादरी जिले में रहते थे.

(फोटो: क्विंट हिंदी द्वारा प्राप्त)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

27 अगस्त को क्या हुआ था?

27 अगस्त की घटना को याद करते हुए शकीला कहती हैं, "हमारे घर से पांच किलोमीटर दूर पर असम के लोग रहते थे. सबसे पहले उन लोगों को गोरक्षकों ने पकड़ा था. वो लोग मीट लेकर आए थे. गोरक्षकों ने उन्हें बंधक बना लिया और पूछा कि 'मुसलमान और बंगाली लोग और किधर रहते हैं.' सही-सही जानकारी देने पर गोरक्षकों ने उन दोनों को छोड़ने की बात कही थी."

बता दें कि गोरक्षकों ने असम के बारपेटा जिले के रहने वाले असीरुद्दीन और उनके पिता से भी गोमांस पकाने और खाने के शक में मारपीट की थी. मारपीट में असीरुद्दीन को चोटें आई थी और उन्हें इलाज के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था. घटना के बाद वो लोग अपने गांव वापस लौट गए हैं.

वो आगे कहती हैं, "असम निवासी लड़का गोरक्षकों को हमारे घर पर लेकर आया था. उस वक्त मेरे पति किसी काम से घर पर आए थे. मेरे पति कबाड़ का काम करते थे. गोरक्षकों ने दुकान खाली करवाने की बात कहकर उन्हें चलने के लिए कहा, लेकिन मेरे पति ने पैसे नहीं होने की बात कहकर मना कर दिया. उसके बाद उन लोगों ने कहा कि फ्री में सामान ले लेना. तब मेरे पति जाने के लिए राजी हो गए."

शकीला बताती हैं कि तीन लड़के उनके घर पर आए थे.

"मेरे पति को वो लोग अपने साथ लेकर गए. उन लोगों ने मेरे पति से पूछा- 'तुम ने मीट खाया था?' लेकिन मेरे पति ने इनकार कर दिया. पहले मेरे पति को बस स्टैंड लेकर गए. वहां बाइक छोड़ दिया, फिर वहां से उसे दूसरी जगह लेकर गए."

साबिर के साथ हुई मार-पिटाई का एक वीडियो भी सामने आया था. जिसमें कुछ लोग बेरहमी से उसकी पिटाई करते दिख रहे हैं.

शकीला के मुताबिक, उनके पति और असम निवासी दो लोगों के साथ 15-16 लोगों ने मारपीट की थी.

साबिर मलिक से 27 अगस्त को मारपीट हुई थी.

(फोटो: वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट)

"मेरे पिता और भाई को भी पकड़ लिया था"

शकीला बताती हैं कि गोरक्षक दल के लोगों ने उनके पिता और भाई को भी पकड़ लिया था. तभी मौके पर पुलिस पहुंच गई, जिसकी वजह से उन दोनों की जान बच गई. "पुलिस मेरे पिता और भाई को अपने साथ थाने लेकर चली गई. लेकिन मेरे पति को तो उन लोगों ने पहले ही मार दिया था."

वो आगे कहती हैं, "थाने में मेरे भाई ने पुलिसवाले को बताया था कि उसके जीजा को कुछ लोग अपने साथ लेकर गए थे. मैंने व्हाट्एसप पर साबिर की फोटो भी भेजी थी. बाद में पुलिसवालों ने बताया कि साबिर अब जिंदा नहीं है."

बाबर मलिक कहते हैं कि "मुझे जैसे खबर मिली, मैं समझ गया था कि वो लोग उसे मार देंगे. सुबह में मुझे पता चला कि वो मर गया."

शकीला बताती हैं कि अगले दिन सुबह 7-8 बजे पुलिसवाले उनके घर पर आए थे. उनकी भाभी ने तीन आरोपियों की पहचान की थी.

"उन्हें फांसी की सजा मिले"

इस मामले में पुलिस ने 28 सितंबर को FIR दर्ज किया था. चार नामजद आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने BNS की धारा 103(1)- हत्या, 115- स्वेच्छा से चोट पहुंचाना, 140 (1)- किसी व्यक्ति की हत्या करने के लिए अगवा करना, 190- हत्या या हत्या का प्रयास, 191 (3)- किसी गैर-कानूनी सभा में घातक हथियार के साथ हिंसा और 61- आपराधिक षड्यंत्र के तहत मामला दर्ज किया है.

एसपी वशिष्ठ ने बताया, "सभी आरोपी आंशिक रूप से गोरक्षा दल से जुड़े हुए थे. आरोपियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप था, जिसमें वो घायल मवेशियों की तस्वीरें पोस्ट करते थे और वो आपसी सहयोग से मवेशियों का इलाज करवाते थे. उनके दल का ऐसा कोई नाम नहीं था, न ही उनका कोई मेंबरशिप था. यह बस एक व्हाट्सएप ग्रुप था.

पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन रविंदर को भी गिरफ्तार किया है. एसपी ने बताया कि जल्द ही मामले में चार्जशीट फाइल की जाएगी.

शकीला कहती हैं, "मैं चाहती हूं कि जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है उन्हें सजा मिले. ताकि वो लोग दोबारा ऐसी गलती न करें. उनकी वजह से मेरी बेटी यतीम हो गई. मैं चाहती हूं कि उन्हें फांसी की सजा मिले."

"छात्र को गौतस्कर समझ गोली मारी"

हरियाणा के फरीदाबाद में आर्यन मिश्रा नाम के एक युवक की 23 अगस्त को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि कथित गोरक्षकों के एक समूह ने गौतस्कर होने के शक में आर्यन की हत्या की थी. इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT