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हरियाणा (Haryana) और दिल्ली को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे को किसानों ने सोमवार, 12 जून को जाम कर दिया है. किसानों ने सरकार पर सूरजमुखी के बीज को MSP पर नहीं खरीदने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन के तहत एनएच 44 पर मार्ग को रोकने का फैसला किया है.
रैली में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों के कई किसान नेताओं की मौजूदगी देखी गई है.
महापंचायत में भारत किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत के साथ पहलवान और ओलंपियन बजरंग पूनिया भी शामिल हुए.
इस साल की शुरुआत में हरियाणा सरकार ने ऐलान किया कि सूरजमुखी की फसल भावांतर भरपाई योजना के तहत आएगी. इसमें किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से नीचे बेची गई उपज के लिए मुआवजा मिलता है.
रिपोर्ट के मुताबिक राज्य सरकार 6,400 रूपए प्रति क्विंटल के एमएसपी पर उनसे सूरजमुखी वापस खरीदती है. किसान आरोप लगा रहे हैं कि सरकार MSP पर सूरजमुखी के फसल की खरीद नहीं कर रही है. वे मांग कर रहे हैं कि सूरजमुखी के बीज सरकार से एमएसपी पर खरीदे जाएं.
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कहा था कि बाजार में उतार-चढ़ाव की वजह से एहतियात के तौर पर अंतरिम 'भरपाई' निर्धारित की गई है.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को चाहिए कि उन किसानों को रिहा करे, जिन पर झूठे मुकदमे लगाए गए.
हाईवे की बात सब करते हैं लेकिन किसानों की बात कोई नहीं करता है. किसानों पर लाठी चलाई जा रही है. देश में एमएसपी पर बड़ा सवाल है, एमएसपी पर आंदोलन होंगे.
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