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किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के एक विधायक ने सदन में ही अपनी सरकार पर सवाल उठाए हैं. हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है लेकिन इस दौरान टोहाना से जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र बबली का दर्द छलक पड़ा. उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के गांव के लोग किसानों के आंदोलन में एकजुटता दिखाते हुए उनका बहिष्कार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विधायकों का सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार एक बड़ी समस्या बनकर उभरा है.
बबली ने सदन में किसान आंदोलन के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि किसानों के हालात चिंताजनक है और ये आंदोलन प्रदेश के हित में नहीं है. मैं मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री और पूरी कैबिनेट से मांग करता हूं कि इस किसान आंदोलन का समाधान करवाया जाए.
देवेंद्र बबली ने पिछले विधानसभा चुनाव में तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला को बड़े अंतर से हराया था. बबली एक लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते थे. देवेंद्र बबली को उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का करीबी माना जाता है.
उन्होंने कहा कि मैं अपने हलके के विकास के लिए अपनी सदस्यता छोड़ने को भी तैयार हूं. मैं सीट छोड़ दूंगा लेकिन मेरे विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्य न रोकें जाएं.
जब बबली सदन में बोल रहे थे, तब दुष्यंत चौटाला की मां और जेजेपी विधायक नैना चौटाला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अध्यक्ष की कुर्सी पर थीं.
बबली ने कहा,
बता दें कि बबली की टिप्पणी तब आई है जब किसानों ने हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी और निर्दलीय विधायकों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, साथ ही कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने को कहा गया है नहीं तो सामाजिक और राजनीतिक बहिष्कार का सामना करने पड़ेगा. भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढुनी ने 9 मार्च को इस तरह के विरोध प्रदर्शन के लिए लोगों को जुटने की अपील की है.
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