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हरियाणा (Haryana) के नूंह में हिंसा (Nuh Violence) के दौरान नाल्हर मंदिर में फंसी महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के दावों का प्रदेश की पुलिस ने खंडन किया है. पुलिस ने इन दावों को "अफवाह और झूठा नैरेटिव" बताया है. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) ममता सिंह ने कहा कि झड़प के दौरान ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी, वह खुद भी मौके पर मौजूद थीं.
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. एडीजीपी ने कहा, "मैं यह आधिकारिक तौर पर कह रही हूं क्योंकि मैं पूरी घटना के दौरान वहां मौजूद थी. किसी भी महिला के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ. हम पहले ही साफ कर चुके हैं कि वास्तव में वहां क्या हुआ था... ऐसे अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."
उन्होंने बताया कि राज्य में हिंसा संबंधी घटनाओं के सिलसिले में अब तक 216 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें से 83 एहतियाती गिरफ्तारियां हैं.
इस बीच, हरियाणा के डीजीपी पीके अग्रवाल ने साफ किया है कि हिंसा की घटनाओं में कोई पाकिस्तानी कनेक्शन नहीं है, जैसा कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में बताया गया है. उन्होंने कहा,
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मैंने यहां स्थिति की समीक्षा की है. जो मामले दर्ज किए गए हैं, जांच और अन्य कानून व्यवस्था के मुद्दों के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए गए हैं ताकि जांच की रफ्तार तेज की जा सके और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके. यहां 145 गिरफ्तारियां की गईं और 55 मामले दर्ज किए गए."
बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में एक धार्मिक जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी. पुलिस के अनुसार, सोमवार को हुई हिंसा में 6 लोगों की मौत हुई, जिसमें 2 पुलिस होमगार्ड भी शामिल थे, जबकि 88 लोग घायल हुए थे.
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