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हरियाणा (Haryana) के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा (Nuh Communal Violence) के बाद प्रशासन लगातार स्थिति को सामान्य करने में जुटा है. रविवार, 6 अगस्त को कर्फ्यू में तीन घंटे की ढील दी गई है. वहीं प्रशासन ने सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध 8 अगस्त तक बढ़ा दी है. इसके अलावा लगातार तीसरे दिन बुलडोज की कार्रवाई हुई.
नूंह में हुई हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था, जो अभी भी जारी है. हालांकि, रविवार को कर्फ्यू में तीन घंटे की ढील दी गई है. जिलाधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक, लोग सुबह 9 से 12 बजे तक रोजमर्रा के जरूरी सामान लेने के लिए अपने घरों से बाहर निकल सकते हैं.
वहीं सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की अफवाहों को रोकने के लिए नूंह में हिंसा के बाद से ही इंटरनेट बंद है. प्रशासन ने पहले 5 अगस्त तक जिले में इंटरनेट बंद करने का ऐलान किया था, लेकिन अब इसे अब बढ़ाकर 8 अगस्त तक कर दिया गया है.
सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, नूंह में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली मोबाइल इंटरनेट सेवाओं, बल्क SMS और सभी डोंगल सेवाओं आदि पर 8 अगस्त 2023 तक रोक रहेगी.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पिछले तीन दिनों से नूंह में बुलडोजर एक्शन जारी है. रविवार, 6 अगस्त को प्रशासन ने सहारा होटल और रेस्टोरेंट पर कार्रवाई की और बिल्डिंग को तोड़ा गया. जिला प्रशासन का कहना है कि यह अवैध रूप से बनाया गया था और हाल ही में हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने यहां से पथराव किया था.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी और भी ऐसी बिल्डिंगों की पहचान हुई है उन्हें भी इसी तरीके से तोड़ा जाएगा. इस कार्रवाई के दौरान SDM नूंह अश्वनी कुमार, अतिरिक्त उपायुक्त रेनू सोगन, नायब तहसीलदार सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा.
बता दें कि इससे पहले शनिवार को नाल्हर में एसकेएम सरकारी मेडिकल कॉलेज के पास करीब 45 पक्के दुकानों को गिराया गया था.
गुरुग्राम के सेक्टर 57 में अंजुमन मस्जिद पर हमले के मामले में हुई गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को तिघर गांव में हिंदू समाज की महापंचायत हुई. बड़ी संख्या में लोग महापंचायत में शामिल हुए. इस दौरान पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली.
नूंह हिंसा को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश के गृहमंत्री को मामले की जानकारी ना हो और मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को सुरक्षा देने में सक्षम ना हो उन्हें सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा में कौन शाजिसकर्ता है इसके बारे में उन्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है. बीजेपी नेता राव इंदरजीत ने ही सब कुछ बता दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में प्रदेश में कौन निवेश करेगा. जब गुरुग्राम जैसे शहर में डर के चलते एमएनसी कंपनियों को 1 महीने की छुट्टी करनी पड़ी. सरकार को चाहिए कि प्रदेश में अमन और शांति कायम करें.
बता दें कि इससे पहले गृह मंत्री अनिल विज ने दावा करते हुए नूंह की हिंसा को 'प्री-प्लान्ड' बताया था. उन्होंने कहा था कि "यह प्री-प्लान था और वहां पर लाठियां थी, मोर्चे बनाएं गए, गोलियां चलाई गई, यह किसी न किसी ने व्यवस्था की है, यह प्लानिंग के साथ किया गया है और हम इसकी गहराई तक जा रहे हैं."
(इनपुट- परवेज खान)
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