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हरियाणा (Haryana) सरकार इन दिनों डिजिटलाइलेजशन पर खास जोर दे रही है ताकि जनता को सहूलियत ज्यादा हो और परेशानी कम, लेकिन हो रहा है इसका एकदम उल्टा. सरकार अब हर योजना को लागू करने के लिए डिजिटल माध्यमों का ही सहारा ले रही है.
इसी कड़ी में सरकार ने परिवार पहचान पत्र (Parivar Pehchan patra) का दायरा बढ़ाने का ऐलान किया है, इससे न सिर्फ प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बढ़ा, बल्कि जनता को भी लघु सचिवालय और CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
फरीदाबाद जिले के रहने वाले अशोक कुमार ने बताया कि उनकी आय 1 लाख 12 हजार सालाना है, लेकिन परिवार पहचान पत्र में 3 लाख से ज्यादा दिखाया गया है. पलवल जिले के हरीश कुमार ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया कि उनका 5 साल का बेटा है, लेकिन परिवार पहचान पत्र में उसकी भी आय दिखाई गई है.
यमुनानगर जिले की बंतो देवी ने भी अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि सालाना आय परिवार पहचान पत्र में ज्यादा दिखाई गई है. वो कहती हैं, "राशन कार्ड के जरिए जो राशन आता था वो भी 3 महीने से बंद है. मेरा पति मर चुका है और मेरे पास पेट भरने क लिए घर में अनाज तक नहीं है."
परिवार पहचान पत्र को लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है और अभी भी प्रदेश में इसे बनाने का काम जारी है, लेकिन हाल के दिनों में फैमिली आईडी में जो दिक्कतें आई उसने मनोहर सरकार पर सीधे सवाल उठा दिए हैं. खासकर फैमिली आईडी में इनकम टैक्स में उलटफेर को लेकर जो बवाल मचा उससे हरियाणा के लोगों में इतना आक्रोश जमा हो गया कि उन्हें लघु सचिवालय के बाहर आकर प्रदर्शन करना पड़ा.
दूसरी तरफ अधिकारियों की गड़बड़ी के कारण हजारों परिवारों की आय 8 से 10 लाख तक बढ़ाने के मामले सामने आए. 4 से 5 साल की उम्र के बच्चों की आय 10 से 15 हजार दिखाकर राशन कार्ड काटे गए हैं.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस दावा कर रही है कि सरकार लगभग 5 लाख बुजुर्गों, बेसहारा बच्चों और विधवाओं का सम्मान भत्ता या पेंशन काट चुकी है.
परिवार पहचान पत्र बनाने के दौरान एक जीवित दंपत्ति जगदीश और उनकी पत्नी मंजू को मृत घोषित करके सम्मान भत्ता पेंशन रोक दिया गया. मामले की जांच हुई तो पता चला कि CSC सेंटर के ऑपरेटर ने दंपत्ति के प्रमाण पत्र अपलोड करते समय अलाईव सर्टिफिकेट अपलोड की जगह खाली कागज अपलोड कर दिया था.
फरीदाबाद जिले की एडीसी अपराजिता ने गलत जानकारी दर्ज करवाने वाले CSC संचालक को नोटिस भेज दिया है. महेंद्रगढ़ जिले के कनीना कस्बे में एक सरकारी कर्मचारी जो दिल्ली पुलिस में नौकरी करता है उसका नाम BPL सूची में डाल दिया गया. अब वो कर्मचारी नाम कटवाने के लिए इधर-उधर भटक रहा है. हांलाकि, ये तो सिर्फ एक-दो उदाहरण भर हैं. ऐसी हजारों गलतियां अधिकारियों की लापरवाही से हुई हैं.
NIFAA संस्था के सदस्य नरेश बराना ने कहा हम जरूरतमंद और गरीब लोगों की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, लेकिन प्रशासन ने परिवार पहचान पत्र से जुड़ी दिक्कतों को लेकर हमसे कोई संपर्क नहीं किया. अगर हमारा सहयोग लिया जाता तो शायद इतने बड़े स्तर पर परेशानी भी नहीं आती.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले BPL कार्ड केवल एक बार ही बना दिए जाते थे. अब हमने डायनेमिक इनकम लेवल कर दिया है. यदि किसी परिवार की आय कम हो जाती है तो उसका बीपीएल कार्ड अपने आप ही बन जाएगा. उनका कहना है कि ये सब परिवार पहचान पत्र के माध्यम से ही संभव हो पाया है. फैमिली आईडी से सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ अब पात्र व्यक्ति को घर बैठे ही मिलने लगा है.
परिवार पहचान पत्र के जरिए नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने गठबंधन सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार जनता को परेशान करने के लिए अलग-अलग रास्ते निकाल रही है. 10 लाख लोगों के राशन कार्ड काट दिए गए हैं. 5 लाख पात्रों की पेंशन काटी गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार आते ही हम परिवार पहचान पत्र को खत्म करेंगे.
अगर आप हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं और सरकारी योजनाओं का फायदा उठाना चाहते हैं तो ऐसे में आपके पास परिवार पहचान पत्र होना अनिवार्य है. वरना आप सरकारी योजनाओं से वंचित रह सकते हैं. सरकार ने प्रदेश में परिवार पहचान पत्र की शुरूआत की है. परिवार को 8 अंकों की पहचान पत्र संख्या उपलब्ध कराई जाती है जो परिवार के लिए विशिष्ट पहचान का काम करता है.
परिवार पहचान पत्र में गलतियां ठीक कराना आसान नहीं
हरियाणा सरकार की तरफ से परिवार पहचान पत्र को लेकर जागरुकता में कमी दिखी है. पहले तो परिवार पहचान पत्र बनवाने के लिए पूरी तरह लोगो को विश्वास में नहीं लिया गया. लेकिन जब इतने बड़े स्तर पर फैमिली आईडी में खामियां आई तो लोगों की समझ नहीं आ रहा है कि कहां इसे ठीक कराएं और किससे कराएं यहां तक की ये भी जवाब ठीक से नहीं मिल पा रहा है कि कब तक कमियां दुरुस्त होंगी. लोगों की परेशानी ज्यादा तब बढ़ गई, जब सरकारी सुविधाओं पर प्रशासन ने ब्रेक लगा दिया.
इस कार्ड के जरिए पूरे परिवार की जानकारी इकट्ठी हो सकती है.
परिवार के सदस्य की उम्र कितनी है, किसकी कितनी योग्यता है, परिवार की वार्षिक आय कितनी है, इसकी जानकारी जमा होती है.
आपके पहचान पत्र से अधिकारी लाभार्थियों की पहचान कर सकेंगे.
प्रदेश मे बुजुर्ग पेंशन और दूसरी पेंशन का लाभ फैमिली आई के जरिए ही मिल सकेगा.
परिवार की किसी भी जानकारी में बदलाव या गलती में सुधार किसी संस्था में न जाकर घर बैठे ऑनलाइन कर सकते हैं.
इसके जरिए आप एक दस्तावेज में पूरी जानकारी ले सकेंगे.
हरियाणा सरकार ने फैमिली आईडी के जरिए सरकारी सुविधाएं देने का जितना गुणगान किया था, वो धरातल पर हवा हवाई साबित हुए. फैमिली आईडी के चक्कर में लोगों को कई महीने से राशन नहीं मिल पाया, इनकम ज्यादा होने की वजह से आयुष्मान योजना से बहुत से लोग वंचित रह गए.
कुल मिलाकर रिजल्ट ये रहा कि लोगों को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हुआ है. प्रशासनिक अधिकारी अपनी लापरवाही को ठीक करने के लिए आनन-फानन में कैंप लगवा रहे हैं. जिसे सोच के साथ सरकार ने परिवार पहचान पत्र को लेकर अपनी पहचान बनाने की कोशिश वो काफी कष्ट दे गई.
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