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DSP Surendra Murder:विपक्ष के निशाने पर सरकार- ‘दाल में काला नहीं पूरी दाल काली’

जो पैसा हरियाणा सरकार के राजस्व में जमा होना चाहिए वो ठेकेदार-लीडर मिलकर खा रहे हैं- AAP राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता

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भारत
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<div class="paragraphs"><p>DSP सुरेंद्र सिंह</p></div>
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DSP सुरेंद्र सिंह

फोटोः क्विंट

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हरियाणा के नूंह में खनन माफिया ने डीएसपी सुरेंद्र सिंह (DSP Surendra Singh) पर डंपर चढ़ा दिया और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस वारदात के बाद पूरी सरकार और प्रशासन में हलचल मच गई. गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि जितनी फोर्स लगानी पड़ेगी, लगाएंगे लेकिन खनन माफिया को बख्शेंगे नहीं. इसके अलावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी कहा कि डीएसपी सुरेंद्र को शहीद का दर्जा देंगे और एक करोड़ रुपये से उनके परिवार की मदद करेंगे.

लेकिन इस वारदात को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि खनन माफिया द्वारा डीएसपी को रौंद देना प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है.
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DSP सुरेंद्र सिंह की हत्या पर क्या बोला विपक्ष?

हरियाणा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि, नूंह में जो हुआ है वो बेहद शर्मनाक है. एक पुलिस के डीएसपी की हत्या कर दी गई. माइनिंग माफिय बेकाबू होते जा रहे हैं. वैसे तो हरियाणा में कानून व्यावस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. आज ना तो विधायक सुरक्षित हैं और ना ही पुलिस अपने आपको सुरक्षित महसूस करती है. उन्होंने आगे कहा कि जब पुलिस ही सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी कैसे सुरक्षित होगा. सरकार को तुरंत ऐसे कदम उठाने चाहिए ताकि आम आदमी का विश्वास कायम हो और कानून व्यवस्था चुस्त हो.

डीएसपी की हत्या पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि, हरियाणा में अवैध माइनिंग का धंधा बढ़ता जा रहा है. अवैध माइनिंग करने वालों के हौंसले यहां तक बढ़ गए कि डीएसपी के ऊपर बंपर चढ़ाने लगे. इस घटना कि मैं निंदा करता हूं, परंतु हरियाणा सरकार से पूछना चाहत हूं कि 2018 में सीएजी ने रिपोर्ट दी थी कि पांच हजार रुपये का घोटाला है जो माइनिंग का पैसा माइनिंग में जमा नहीं हो रहा. जितने हरियाणा में माइनिंग के टेंडर निकलते हैं, चाहें वो केंद्र सरकार के हों या हरियाणा सरकार के, माइनिंग का पैसा अलग से जमा होना चाहिए.

उन्होंने हरियाणा सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि

आज कम से 50 हजार करोड़ रूपये मुख्यमंत्री कार्यालय या मंत्रियों के कार्यालय के निर्देश पर हरियाणा सरकार के चुराये जा रहे हैं. जो पैसा हरियाणा सरकार के राजस्व में जमा होना चाहिए था वो ठेकेदार और लीडर मिलकर खा रहे हैं. क्यों नहीं हरियाणा सरकार उनके ऊपर कार्रवाई करती.
सुशील गुप्ता, राज्यसभा सांसद, AAP

इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने भी हरियाणा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि, खट्टर साहब ये माइनिंग माफिया यमुनानर से लेकर नूंह और मेवात तक सर चढ़कर हरियाणा के खजाने को लूट रहा है, हरियाणा के खनिजों को लूट रहा है. खट्टर सरकार आंख बंद करे क्यों बैठी है. इससे साफ है कि यहां दाल में काला नहीं, पूरी दाल काली है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है, नूंह के अंदर जो डीएसपी की दर्दनाक हत्या हुई है उसकी न्यायिक जांच हो.

डीएसपी की हत्या पर सरकार ने क्या कहा?

डीएसपी सुरेंद्र सिंह की हत्या पर सरकार की ओर से गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि, जितनी फोर्स लगानी पड़ेगी लगाएंगे. आसपास के जिलों से भी फोर्स मंगानी पड़ेगी तो मंगाएंगे लेकिन खनन माफिया को छोड़ेंगे नहीं. उधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, डीएसपी सुरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाएगा और उनके परिवार को मदद के लिए एक करोड़ रुपये दिये जाएंगे.

पूरा मामला समझिए

डीएसपी सुरेंद्र सिंह तावड़ू की पहाड़ी पर अवैध खनन रोकने के लिए रेड करने गए थे. वहां उन्होंने पत्थरों से भरे ट्रक को रोकने की कोशिश की. लेकिन खनन माफिया ने उनके ऊपर सीधा डंपर चढ़ा दिया. जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई.

डीएसपी सुरेंद्र सिंह को जानिए

डीएसपी सुरेन्द्र सिंह मूलरुप से गांव सारंगपुर, जिला हिसार के रहने वाले थे. पुलिस में भर्ती होने से पहले वो वीएलडीए के पद पर थे. उसके बाद साल 1994 में हरियाणा पुलिस में एएसआई के पद पर भर्ती हुए. सुरेन्द्र सिंह वर्ष 2014 तक जिला कुरुक्षेत्र में रहे औरं एएसआई से निरीक्षक जिले में सुरक्षा शाखा प्रभारी, थाना प्रबन्धक लाडवा जैसे पदों पर रहे. बाद में 17-08-2019 से 23-06-2020 तक डीएसपी शाहबाद के रूप में तैनात रहे. वर्तमान में वे जिला नूंह में तैनात थे. करीब तीन महीने बाद उन्हें रिटायर होना था.

डीएसपी सुरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार हिसार स्थित उनके पैतृक गांव में किया जाएगा.

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Published: 19 Jul 2022,06:33 PM IST

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