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हरियाणा विधानसभा चुनाव में ना बीजेपी, ना ही कांग्रेस को बहुमत मिल सका, लेकिन फिर भी बीजेपी सरकार बनाने जा रही है. वो भी ‘किंग मेकर’ की मदद से. किंग मेकर मतलब दुष्यंत चौटाला. हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40, कांग्रेस को 31 और दुष्यंत की जेजेपी को 10 सीट मिली हैं, लेकिन कम सीट लाकर भी दुष्यंत किंग मेकर बनकर सामने खड़े हैं.
पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के परपोते और जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत ने चौटाला परिवार के लिए बंद पड़ी सत्ता की गलियों के दरवाजे दोबारा अपनी 'चाबी' से खोल दिये हैं. फिलहाल खबर है कि वो हरियाणा के डिप्टी सीएम बनने जा रहे हैं. उनकी पार्टी ने बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान किया है. अब जब दुष्यंत, चौटाला परिवार को वापस सेंटर प्वाइंट में लाने जा रहे हैं, तो उनके बारे में भी जानना जरूरी है.
दुष्यंत चौटाला ने 2014 लोकसभा चुनाव में हरियाणा जनहित कांग्रेस (बीएल) के कुलदीप बिश्नोई को करीब 30 हजार वोटों से हराया था. हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव में दुष्यंत को हार का सामना करना पड़ा था.
हिसार जिले के दरोली में जन्मे दुष्यंत सिर्फ राजनीति ही नहीं, पढ़ाई में भी तेज रहे हैं. उन्होंने स्कूली पढ़ाई सेंट मैरी स्कूल, हिसार और हिमाचल प्रदेश के द लॉरेंस स्कूल से पूरी की है. इसके बाद बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट की पढ़ाई कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पूरी की है.
अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से मास्टर्स ऑफ लॉ की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने 18 अप्रैल, 2017 को मेघना चौटाला से शादी की. मेघना सीनियर आईपीएस अधिकारी परमजीत अहलावत की बेटी हैं.
हरियाणा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में INLD के मुखिया ओमप्रकाश चौटाला को 10 साल की सजा हुई, जिसके बाद 2013 से बड़े बेटे अजय चौटाला भी अपने पिता के साथ जेल की सलाखों के पीछे रहे. जब ओमप्रकाश चौटाला राजनीति में पूरी तरह सक्रिय थे, तब से ही परिवार में एक तरह की सहमति थी कि बड़े भाई अजय चौटाला केंद्र की राजनीति करेंगे और छोटे भाई अभय चौटाला प्रदेश संभालेंगे.
इस बीच अजय के जेल में जाने के बाद उनके बड़े बेटे दुष्यंत चौटाला राजनीति में सक्रिय हुए और 2014 में लोकसभा चुनाव भी जीते. युवा दुष्यंत का पार्टी में कद बढ़ रहा था और नए कार्यकर्ता उन्हें ही पार्टी के नए मुखिया और सीएम कैंडिडेट के रूप में देखने लगे. ये बात अभय चौटाला को खटकने लगी और परिवार में फूट के बीज पड़ने लगे.
इन्हीं सबके बीच रिश्ते में करवाहट आती गई और ओमप्रकाश चौटाला ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए अजय के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद 9 दिसंबर, 2018 को दुष्यंत ने अपने पर दादा की तस्वीर के साथ नई पार्टी जननायक जनता पार्टी का ऐलान कर दिया.
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस भी दुष्यंत चौटाला को अपने साथ लाने में जुटी हुई थी, लेकिन इस काम में बीजेपी को कामयाबी हासिल हुई.
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