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पिछले दिनों 8 दिसंबर को तमिलनाडु (Tamilnadu) में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) और उनकी पत्नी के साथ अन्य 12 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के कारणों की जांच करने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा ट्राइ सर्विस जांच करने का आदेश दिया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस जांच का नेतृत्व इंडियन एयरफोर्स के अधिकारी और देश टॉप हेलिकॉप्टर पायलट एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह और भारतीय सेना व नौसेना के एक-एक ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाएगा.
जांच करने वाली टीम के द्वारा गवाहों के बयानों को नोट किया जा रहा है, जिसमें तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के लोग भी शामिल हैं, जो हेलिकॉप्टर क्रैश होने के दौरान मौके पर मौजूद थे.
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने बताया कि टीम के द्वारा की जा रही जांच अगले दो हफ्तों में पूरे होने की संभावना है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि जांच में शामिल एयर मार्शल के अलावा अन्य दो अधिकारी दक्षिणी सैन्य कमांड में तैनात एक ब्रिगेडियर और एक नौसेना कमांडर हैं. ये दोनों अधिकारी हेलिकॉप्टर उड़ाने के विशेषज्ञ हैं और पायलट भी हैं.
8 दिसंबर को क्रैश हुआ Mi-17V5 हेलिकॉप्टर सुलूर एयरबेस से उड़ा था और लगभग 30 मिनट के बाद इसे लैंड होना था. दुर्घटनास्थल के पास के गांवों के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायल लोगों को वहां से निकालने में मदद की.
डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह व्यक्तिगत रूप से जांच के प्रोसेस की निगरानी कर रहे हैं और संबंधित अधिकारियों द्वारा उन्हें नियमित रूप से अपडेट किया जा रहा है.
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी चल रही जांच की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.
आर्मी हेडक्वार्टर जांच के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है क्योंकि सेना ने अपने सीनियर ऑफिसर और देश के पहले सीडीएस सहित 13 अन्य को दुर्घटना में खो दिया है.
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