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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का गलत ढंग से इस्तेमाल कर रही है और सुनियोजित ढंग से रणनीति के तहत विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में आइए जानते हैं कि कौन-कौन से विपक्ष के वर्तमान और पूर्व सीएम, डिप्टी सीएम केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर हैं. सवाल ये भी है कि क्या इस लिस्ट में बीजेपी के सीएम या डिप्टी सीएम का नाम भी है?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जो केस चल रहे हैं वो कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले हैं. दरअसल रांची के बड़गाई में एक 8.46 एकड़ ट्राइबल लैंड है. यह जमीन कुल 12 प्लॉट में बंटी है. जिसमें एक छोटा आउट हाउस और एक गार्ड रूम बना हुआ है. ये 12 प्लॉट अलग-अलग लोगों के नाम से रजिस्टर्ड है. आरोप है कि यह पूरी जमीन ही हेमंत सोरेन की है. इसी सिलसिले में ईडी रांची में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है.
इसके अलावा सोरेन के खिलाफ साहेबगंज जिले में अवैध खनन मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की भी जांच की जा रही है. आरोप है कि मुख्यमंत्री, जो खान और भूविज्ञान विभाग के प्रभारी हैं, ने कथित तौर पर 2021 में खुद को खनन पट्टा देकर चुनाव नियमों का उल्लंघन किया है.
केंद्रीय एजेंसियों की रडार में सबसे पहला नाम है आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का, जो कथित दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले का सामना कर रहे हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब नीति में कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाया है और इसके लिए सीएम को सौ करोड़ रुपये की रिश्वत मिली है. इस मामले में ईडी ने केजरीवाल को चार समन भेजा है लेकिन वो अभी तक केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए हैं.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता रेवंत रेड्डी भी ईडी की रडार पर हैं. रेड्डी पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है. आरोप है कि रेवंत जब टीडीपी में थे, तो उन्होंने साल 2015 में विधान परिषद के चुनाव के दौरान अपने पक्ष में वोट देने के लिए एक विधायक को कथित तौर पर पचास लाख रुपये रिश्वत के तौर पर दिये थे.
आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर और वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया जगन मोहन रेड्डी पर भी प्रवर्तन निदेशालय की नजर है. उन पर यूपीए शासन के दौरान ही कई मामले दर्ज हो गए थे. ईडी ने जगन मोहन के खिलाफ 2015 में मनी लॉन्ड्रिंग का नया मामला दर्ज किया था. यह मामला जगन के स्वामित्व वाली भारती सीमेंट्स के पैसों के लेने-देने के आरोप से जुड़ा है.
मौजूदा समय में वामदल की सरकार सिर्फ केरल में बची है और वहां भी राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ ईडी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. मामला विजयन के बिजली मंत्री रहने के दौरान का है. जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने 1995 एसएनसी लवलिन केस में चार्जशीट दायर किया. यह मामला इडुक्की में जलविद्युत परियोजनाओं के आधुनिकीकरण के लिए कनाडाई फर्म एसएनसी लवलिन को दिए गए अनुबंध में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है.
कांग्रेस नेता और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर कई सालों से सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग की नजर है. PTI के अनुसार, साल 2013 से 2018 के बीच 74 करोड़ रुपये की आय को लेकर सीबीआई ने 2020 में कांग्रेस नेता पर केस दर्ज किया है, जबकि ईडी ने 2022 में पीएमएलए के तहत शिवकुमार पर चार्जशीट दायर की है. इसके अलावा गुजरात में दिवगंत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के राज्ससभा चुनाव के दौरान विधायकों को रिजॉर्ट में रुकवाने को लेकर इनकम टैक्स ने शिवकुमार के खिलाफ छापे मारे थे.
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया पर दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. बाद में शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने 9 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सिसोदिया अभी भी जेल में हैं.
केंद्रीय जांच एजेंसियों की रडार पर लालू यादव का परिवार लंबे समय से है. बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव, मीसा भारती कथित IRCTC और नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में मुख्य आरोपी हैं. इसके अलावा भी लालू यादव पर कई कथित भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं.
कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा पर भी ईडी की नजर है. हुड्डा की मानेसर जमीन सौदा मामले और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की पंचकुला में भूमि आवंटन मामले की जांच चल रही है.
राजस्थान के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और सांसद कीर्ति चिदंबरम का नाम कथित "एम्बुलेंस घोटाला" मामले में है. जानकारी के अनुसार, कांग्रेस नेताओं पर 2015 में मामला दर्ज किया गया था, जो 2010 में फर्जी तरीके से जिकित्सा हेल्थकेयर को "08 एम्बुलेंस सर्विस" चलाने का ठेका देने से संबंधित है. कंपनी में पायलट और चिदंबरम कथित तौर पर डायरेक्टर थे. कंपनी पर अत्यधिक बढ़ा चढ़ाकर चालान जमा करने का आरोप है.
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल अपनी सरकार के दौरान कोयला परिवहन, शराब की दुकानों के संचालन और महादेव गेमिंग ऐप में अनियमितताओं से संबंधित कथित मनी लॉन्ड्रिंग के कम से कम तीन मामलों में ईडी जांच का सामना कर रहे हैं.
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी ईडी और सीबीआई की निगाह है. वो गोमती रिवरफ्रंट परियोजना के अलावा खनन ठेंका में कथित अनियमितताओं के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दायरे में हैं.
यूपी की पूर्व सीएम और बीएसपी चीफ मायावती के कार्यकाल के दौरान की कई परियोजनाओं की जांच चल रही है. हालांकि, उनका नाम एजेंसियों की किसी भी एफआईआर में नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला BCCI द्वारा जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) को दिए गए पैसे में कथित अनियमितताओं के संबंध में जांच के घेरे में हैं. ईडी उनसे इस मामले में पूछताछ भी कर चुकी है. अब्दुल्ला पर आरोप है कि जब वो सीएम थे तो JKCA के पैसे को निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया और निकाय के बैंक खाते से बिना कारण बताए नकदी भी निकाल लिये. इस कथित घोटाले की जांच ईडी और सीबीआई, दोनों कर रही है और मामला 2004 से 2009 के बीच का है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला भी ईडी की रडार पर हैं. ईडी उनसे 2022 में जम्मू-कश्मीर बैंक के वित्तीय मामलों और उसके डायरेक्टर्स की नियुक्ति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर चुकी है.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती बैंक मामले में ईडी जांच का सामना कर रही हैं. ईडी ने इस मामसे में दो डायरी जब्त की है, जिसमें कथित तौर पर मुफ्ती परिवार को पैसे देने का जिक्र है.
अरुणाचल के पूर्व सीएम नबाम तुर्की पर सीबीआई ने 2019 जुलाई में कथित भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है. CBI की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने तुर्की पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. इसमें तुर्की पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाई के साथ मिलकर पैसे की हेरफेर की थी.
मणिपुर के पूर्व सीएम डेवल्पमेंट सोसाइटी में 332 करोड़ रुपये की कथित हेराफरी के मामले में भ्रष्टाचार का सामना कर रहे हैं. सीबीआई ने नवंबर 2019 में पूर्व सीएम के घर पर तलाशी भी ली थी. सीबीआई मामले के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है.
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री पर केंद्रीय मंत्री रहते हुए मुंबई में एक जमीन बेचकर सरकारी खजाने को 709 करोड़ रुपये का कथित नुकसान पहुंचाने का आरोप है. इस मामले की जांच ED-CBI कर रही है. वाघेला पर सीबीआई ने 2015 और ईडी ने 2016 में केस दर्ज किया था.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार महाराष्ट्र सहकारी बैंक के संचालन में कथित अनियमितताओं के लिए प्रवर्तन निदेशालय की PMLA जांच का सामना कर रहे हैं. हालांकि, अजित अब बीजेपी के साथ हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम हैं.
इन नेताओं के इतर असम के वर्तमान सीएम और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा से भी कथित शारदा चिट फंड घोटाला मामले में सीबीआई ने पूछताछ की थी. हालांकि, उनका मामला लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़ा है. वहीं विपक्षी पार्टियां लगातार हिमंता बिस्वा सरमा को लेकर मोदी सरकार को घेरती रही हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 2014 से 2022 तक ईडी के निशाने पर रहे करीब 95 प्रतिशत यानी 115 नेता विपक्ष से थे. 2004-14 में 26 नेताओं से ईडी ने पूछताछ की थी. इनमें लगभग 54 प्रतिशत यानी 14 नेता विपक्ष के थे.
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