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आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एलजी पॉलिमर कंपनी में रसायनिक गैस लीक होने की वजह से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 800 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना किस वजह से हुई है ये जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन अधिकारियों के अनुसार, स्टाइरीन और पेंटाइन गैसें संभवत: दुर्घटना का कारण बनीं. वहीं, इस घटना के बाद केंद्रीय स्तर पर उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की गई है.
पीएम मोदी के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा ने गैस लीक मामले में कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, NDMA, NDRF, एम्स निदेशक और चिकित्सा विशषज्ञो के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. बताया जा रहा है कि डॉ मिश्रा ने विशेषज्ञों की टीम को विशाखापत्तनम भेजने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही राहत, बचाव और कम समय में ज्यादा चिकित्सा प्रभाव के उपायों के बारे में बताया है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम में गैस लीकेज की घटना पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के साथ बैठक की. इस बैठक में उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे.
वहीं, बैठक के बाद साझा प्रेस कॉफ्रेंन्स में NDRF के डायरेक्टर जनरल एसएन प्रधान ने कहा कि, अभी जानकारी मिली है कि मरनेवालों की संख्या 11 हो गई है.
इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.जगन मोहन रेड्डी ने किंग जॉर्ज अस्पताल में भर्ती लोगों से मुलाकात की.
बता दें आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर उद्योग में गैस लीकेज होने की वजह से करीब 3 किलोमीटर के क्षेत्र में अफरातफरी मच गई. लोगों की आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. गैस का रिसाव इतना तेज था कि आसपास के गांव को भी खाली कराना पड़ा.
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