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आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर कंपनी में रसायनिक गैस लीक होने की वजह से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 800 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि गैस रिसाव की वजह से तीन किलोमीटर के दायरे तक 5 गांव में 1,000 से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं. हालांकि, रेस्क्यू टीम लगातार राहत का बचाव का काम कर रही है. लेकिन स्थिति काफी भयावह है.
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लगातार पोस्ट किए जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि ये घटना साल 1984 की भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला रही है. विशाखापत्तनम की गलियों और अस्पतालों में लोग दहशत में नजर आए. लोगों को यहां सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने घटना पर दुख जताया और कहा, पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदना मैं घायलों के ठीक होने की प्रार्थन करता हूं. उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि प्रशासन जल्द से जल्द स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.
ग्रेटर विशाखापट्टनम नगर निगम के अधिकारियों ने कहा, "कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण बंद हुई रासायनिक इकाई को गुरुवार सुबह फिर से शुरू किया गया. कुछ समय बाद टैंकों में संग्रहीत गैस लीक होने लगी और 3 किलोमीटर के दायरे में फैल गई."
पीएम मोदी ने घटना को लेकर NDMA और मंत्रियों के साथ बैठक की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैं विशाखापत्तनम में सभी लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं. स्थिति के बारे में MHA और NDMA से बता की है, वह स्थिति की कड़ी निगरानी कर रहे हैं.'
इस घटना पर क्रिकेटर युवराज सिंह, विराट कोहली अभिनेता राम चरण ने भी संवेदना व्यक्त की है.
केंद्रीय मंत्री से लेकर दूसरे राजनीतिक पार्टियों ने भी घटना पर दुख जताया है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा, "घटना सुबह करीब 2.30 बजे हुई. आसपास के क्षेत्रों में लोग अपने घरों में सो रहे थे. तभी अचानक उन्हें सांस लेने में तकलीफ, भयानक खुजली और आंखों में जलन महसूस होनी शुरू हुई."
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