Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हिमाचल प्रदेश में 'अधर' में कांग्रेस सरकार, पार्टी के 6 विधायकों के बागी होने के पीछे की क्या है वजह?

हिमाचल प्रदेश में 'अधर' में कांग्रेस सरकार, पार्टी के 6 विधायकों के बागी होने के पीछे की क्या है वजह?

Himachal Politics: राज्य सभा वोटिंग के बाद मतगणना में बीजेपी और कांग्रेस को 34-34 वोट मिले, इसके बाद लॉटरी निकाली गई. लॉटरी में बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत मिली

चंदन सिंह राजपूत
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>हिमाचल प्रदेश में 'अधर' में कांग्रेस सरकार, पार्टी के 6 विधायकों के बागी होने के पीछे की क्या है वजह?</p></div>
i

हिमाचल प्रदेश में 'अधर' में कांग्रेस सरकार, पार्टी के 6 विधायकों के बागी होने के पीछे की क्या है वजह?

फोटो- क्विंट हिंदी

advertisement

हिमाचल प्रदेश (Himanchal Pradesh) में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) के इस्तीफे की अटकलें सामने आने लगीं लेकिन इसके तुरंत बाद सीएम सुक्खू ने ऐसी सभी कयासों को खारिज कर दिया.

उन्होंने कहा, "न तो किसी ने मुझसे इस्तीफा मांगा और न ही मैंने किसी को अपना इस्तीफा सौंपा है. हम बहुमत साबित करेंगे. हम जीतेंगे, हिमाचल की जनता जीतेगी."

"बीजेपी मेरे इस्तीफे की अफवाह फैला रही है. वे विधायक दल में टूट कराना चाहते हैं. वे चाहते हैं कि कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़कर उनके साथ आ जाएं. कांग्रेस एकजुट है. जिन्होंने बीजेपी को वोट दिया, वे कुछ विधायक हमारे संपर्क में हैं.'' 

हिमाचल प्रदेश राजनीतिक उलटफेर में अब तक क्या है मालूम?

मंगलवार, 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश की इकलौती राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग हो रही थी. इस दौरान कांग्रेस के 6 विधायक और 3 निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर दी. 

राज्य सभा चुनाव से पहले

कांग्रेस- 40 विधायक+ 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन

बीजेपी- 25 विधायक

राज्य सभा चुनाव के बाद

बीजेपी- 25 विधायक+ 6 कांग्रेस+ 3 निर्दलीय विधायकों की क्रॉस वोटिंग = 34

कांग्रेस- 43- 9 (बीजेपी की क्रॉस वोटिंग) = 34 विधायक

राज्य सभा वोटिंग के बाद मतगणना में बीजेपी और कांग्रेस को 34-34 वोट मिले, इसके बाद लॉटरी निकाली गई. लॉटरी में बीजेपी के उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीत मिली और कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंधवी हार गए. इसके बाद से बीजेपी की ओर से दावा किया गया कि कांग्रेस सरकार अल्पमत में है.

बागी विधायकों पर क्या बोले सुक्खू?

राज्यसभा में बीजेपी के पक्ष में वोट देने वाले कांग्रेस विधायकों में सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा और देवेंदर भुट्टो थे. इस पर जब सुक्खू की प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि सभी हमारे छोटे भाई हैं, हम बदले की भावना नहीं रखते. हमारी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी.'

वरिष्ठ पत्रकार हेमंत अत्री कहते हैं, "जिन विधायकों ने बीजेपी के पक्ष में वोट दिया ये हिमाचल के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह खेमे के हैं.ये खेमा लगातार पार्टी की केंद्रीय हाईकमान से शिकायत कर रहा था कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायकों की अनदेखी करते हैं. सीएम सुक्खू ने 18-20 सलाहकारों और OSD का एक गुट बना लिया है और किसी की सुनते नहीं हैं. इसके अलावा मंत्रियों को भी काम नहीं करने देते हैं. ऐसी शिकायतें कांग्रेस आलाकमान को लगातार भेजी जा रही थीं."

वरिष्ठ पत्रकार मनता हिमकरण भी ऐसा ही मानते हैं. वह कहते हैं, "सारे छह विधायक मुख्यमंत्री की कार्यशैली से नाराज चल रहे थे. इन विधायकों की कुछ डिमांड थी जो मुख्यमंत्री पूरा नहीं कर रहे थे इसलिए उन्होंने पार्टी के खिलाफ वोट किया. असल बात है कि सीएम ने किसी को मंत्री बनाने के भरोसा दिया था, किसी को चेयरमैन बनाने का भरोसा दिया था लेकिन वे इसे लगातार टाल रहे थे. ऐसे करते हुए एक साल बीत गया. इसके अलावा उन विधायकों के लोकल एरिया में सरकारी फंड की जरूरतों को भी पूरा नहीं किया जा रहा था."
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में कुल 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं. मौजूदा समय में हिमाचल में 11 मंत्री हैं. पत्रकार मनता हिमकरण कहते हैं, "धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा और हामिदपुर के विधायक राजिंदर राणा मंत्री बनने को इच्छुक थे लेकिन कोटा सिर्फ एक मंत्री का बचा है."

हेमंत अत्री कहते हैं,

''वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य ने भले ही बीजेपी के पक्ष में वोट नहीं दिया लेकिन 6 विधायकों को बीजेपी के पक्ष में वोट दिलाने में कहीं न कहीं उनका हाथ रहा होगा. इसके तुरंत जब बीजेपी जीत गई तो विक्रमादित्य ने वही सारी बात कहते हुए इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस अब बैकफुट पर है."
''कांग्रेस के पास 40 विधायक थे. बीजेपी के पास 25 थे. बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस चुनाव हार गई. हिमाचल प्रदेश के इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ.''
हेमंत अत्री, वरिष्ठ पत्रकार हेमंत अत्री

क्या विक्रमादित्य को आगे करेगी कांग्रेस?

बुधवार को हिमाचल के मंत्री विक्रमादित्य ने सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. वह लोक निर्माण और शहरी विकास मंत्री थे हालांकि वह अब भी पार्टी में हैं.  बुधवार को इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि हिमाचल में उनके पिता वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनाव लड़ा गया था. 

हेमंत अत्री कहते हैं, "कांग्रेस सरकार बैकफुट पर है. अगर सुखविंदर सिंह सुक्खू को हटाने की बात आती है तो मुकेश अग्निहोत्री का सीएम बनाया जा सकता है. उनकी दोनों खेमों में अच्छी तालमेल है."

कांग्रेस नेता विक्रमादित्य बोले,

''2022 में जब हिमाचल में विधानसभा चुनाव हुआ तो सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया. पूरे कैंपेन में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नाम का इस्तेमाल हुआ. ऐसी कोई होर्डिंग नहीं थी, जिस पर वीरभद्र सिंह की तस्वीर नहीं थी. मतदान से एक दिन पहले पार्टी की ओर से समाचार-पत्रों में विज्ञापन दिया गया और वीरभद्र सिंह की तस्वीर के साथ कहा गया कि था कि उन्हें याद रखना. जिन्होंने हमें समर्थन दिया, उनके प्रति मेरी जवाबदेही है. मेरे लिए यह भरोसा ज़्यादा बड़ा है न कि पद. लेकिन साल भर में विधायकों की अनदेखी हुई है. विधायकों की आवाज को दबाया गया है. इसी का नतीजा है कि हम यहां तक आ गए हैं.''

वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को सीएम बनाए जाने को लेकर हेमंत अत्री कहते हैं, "विक्रमादित्य अभी काफी जूनियर नेता हैं, पार्टी में काफी सीनियर नेता उनसे आगे खड़े हैं."

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 28 Feb 2024,07:33 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT