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हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में लगातार हो रही बारिश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. रविवार से बारिश का दौरा जारी है, जिसकी वजह से कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है. सूबे में अब तक भूस्खलन और बारिश से 60 लोगों की मौत हो चुकी है और कई इमारतें जमींदोज हुई हैं. अब पोंग बांध से पानी छोड़े जाने की वजह से कांगड़ा जिले के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है. इसकी वजह से वहां पर काफी लोग फंसे हैं. लोगों को निकालने के लिए आर्मी और NDRF की टीमें जुटी हुई हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर की भी मदद ली जा रही है.
कांगड़ा के इंदौरा में बाढ़ पीड़ितों को बचाने और राहत पहुंचाने के लिए अभियान फिर से शुरू किया गया. प्रभावित लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पोंग बांध के पास कांगड़ा के निचले इलाकों से 800 से ज्यादा लोगों को निकाला गया, क्योंकि बांध में जल स्तर बढ़ने की वजह से गांव से संपर्क टूट गया है. निकासी अभियान अभी भी जारी है और ज्यादा से ज्यादा लोगों को गांव से बाहर निकाला जा रहा है.
हिमाचल के कांगड़ा में स्थित प्राईवेट विश्वविद्यालय अरनी यूनिवर्सिटी में पानी भर गया है. यूनिवर्सिटी चारों ओर से पानी से घिर चुकी है और यहां पर फंसे छात्रों को हेलीकॉप्टर के जरिए डमटाल कैम्प में पहुंचाया गया.
इस मौके पर एसपी नूरपुर अशोक रतन थाना प्रभारी इंदौरा कुलदीप शर्मा की हाजिरी में एनडीआरएफ की टीम द्वारा यह ऑपरेशन अमल में लाते हुए मंड मियानी पंचायत की महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित निकाला है.
गौरतलब है कि प्रशासन द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भी मंड के ग्रामीण अपने-अपने घरों में ही रहना बेहतर समझते है, जो कि जोखिम भरा फैसला साबित हो रहा है.
एसपी नूरपुर अशोक रत्न ने कहा कि
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