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'भगवा JNU'- हिंदू सेना ने यूनिवर्सिटी के गेट के बाहर लगाए विवादित पोस्टर

नवरात्र पर खाने को लेकर JNU Campus में विवाद हुआ था, जिसमें कई छात्र घायल हुए थे.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>जेएनयू के बाहर लगे पोस्टर</p></div>
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जेएनयू के बाहर लगे पोस्टर

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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रामनवमी के दिन वेज और नॉनवेज खाने को लेकर हुए विवाद के बाद एक बार फिर जवाहर लाल नेहरू यूूनीवर्सिटी सुर्खियों में है. इस बार हिंदू सेना नाम के एक संगठन ने यूनिवर्सिटी के ठीक बाहर कई पोस्टर लगाएं हैं. और उन पोस्टरों पर लिखा है 'भगवा जेएनयू' (Bhagwa JNU). साथ ही जेएनयू कैंपस के आसपास भगवा झंडे और भगवा कपड़े के टुकड़े लगाए गए हैं. इसके अलावा आसपास लगे ऑटो रिक्शा पर भी भगवे रंग के झंडे लगाए हैं.

हिंदू सेना के वाइस प्रेसिडेंट सुरजीत यादव ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि जेएनयू में भगवा विरोधियों द्वारा भगवा का अपमान होता है. हिंदू सेना इनको चेतावनी देती है कि भगवा के अपमान की कोशिश मत करना. हम हर धर्म और विचारधारा का सम्मान करते हैं लेकिन जिस तरह से जेएनयू में भगवा का अपमान किया जा रहा है हिंदू सेना ये अपमान नहीं सहेगा. और इसके विरोध में कोई भी कठोर कदम उठा सकती है.

नवरात्र पर खाने को लेकर हुआ था विवाद

बता दें कि नवरात्र के दौरान छात्रों के दो गुट के बीच हिंसा की खबरें आई थीं. जेएनयू के कावेरी छात्रावास में रविवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्र और लेफ्ट विचारधारा वाले छात्रों के बीच ‘मेस’ में नवरात्र पर कथित तौर पर मांसाहारी भोजन परोसे जाने को लेकर झड़प हो गई थी. हिंसा की इस वारदात में करीब 15 छात्र जख्मी हुए थे.

वाम गठबंधन के सदस्यों ने एबीवीपी पर कावेरी छात्रावास में मांसाहारी भोजन पर जबरन प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया, वहीं एबीवीपी ने आरोप लगाया कि एनएसयूआई सहित वाम गठबंधन के सदस्य उन्हें राम नवमी के अवसर पर पूजा और हवन कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं.

इस मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने JNU प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है, वहीं यूनिवर्सिटी के छात्र संघ ने मामले में किसी हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई वाले आयोग से स्वतंत्र न्यायिक जांच कराने की मांग की है.

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