Home News India J&K हमेशा नहीं रहेगा UT, राज्यसभा में शाह के बयान की 10 बड़ी बातें
J&K हमेशा नहीं रहेगा UT, राज्यसभा में शाह के बयान की 10 बड़ी बातें
अमित शाह ने कहा- आर्टिकल 370 खत्म होने से जम्मू-कश्मीर में रक्तपात युग का अंत होगा
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भारत
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गृह मंत्री अमित शाह
(फोटोः PTI)
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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू - कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के लिए राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया. आर्टिकल 370 हटने के बाद राज्य अब दो केंद्र शासित प्रदेशों -लद्दाख और जम्मू - कश्मीर में विभाजित हो जाएगा. जम्मू - कश्मीर में विधानसभा होगी, लेकिन लद्दाख में विधानसभा नहीं होगी.
राज्यसभा में प्रस्ताव पर चर्चा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया कि आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में क्या बदलेगा.
हम जम्मू-कश्मीर को सबसे विकसित राज्य बनाएंगे, जम्मू-कश्मीर के लोग राजनीतिक दलों से गुमराह ना हों.
हालात सामान्य होने पर जम्मू-कश्मीर को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा.
आर्टिकल 370 अस्थायी प्रावधान था, किसी भी अस्थायी प्रावधान को आखिर कब तक जारी रखा जा सकता है.
जम्मू-कश्मीर में 41,400 से ज्यादा लोग आतंकवाद की वजह से मारे गए, इन मौतों के लिए आखिर किसकी नीतियां जिम्मेदार हैं.
जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म होने से रक्तपात युग का अंत होगा
आर्टिकल 370 ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और घाटी के लोगों का नुकसान किया. इसके कारण भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा और आतंकवाद बढ़ा. आर्टिकल 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र नहीं है. आर्टिकल 370 आतंकवाद की जड़ है. 370 और 35 A की वजह से कश्मीर कंगाल बन गया
आर्टिकल 370 की वजह से 70 साल से 40 हजार से ज्यादा लोगों को पंच-सरपंचों को उनका अधिकार नहीं मिला
पूरी दुनिया मानती है कि जमीन पर स्वर्ग है तो कश्मीर में है. लेकिन वहां पर्यटन नहीं बढ़ा. कश्मीर में पर्यटन की संभावनाओं को सीमित करने का काम आर्टिकल 370 ने किया. आर्टिकल 370 के रहते कश्मीर में छोटी-बड़ी कोई इंडस्ट्री नहीं लग पाई.
देशभर के 6 से 14 साल के बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिल गया. लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं है. घाटी के बच्चों को शिक्षा का अधिकार नहीं मिला. आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिलेगा.
370 और 35A की वजह से अनुसूचित जाति और जनजाति को उनका हक नहीं मिलता, आरक्षण नहीं मिलता. लेकिन अब उन्हें उनका हक मिलेगा और वे आरक्षण के अधिकारी होंगे.