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केंद्रीय गृहमंत्रालय ने खालिस्तान आंदोलन से जुड़े कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है. गृहमंत्रालय ने कुल 9 लोगों के खिलाफ यूएपीए एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. इसके बाद ये सभी लोग भारत में आतंकवादी घोषित हो चुके हैं. इन लोगों में पाकिस्तान से काम करने वाले आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चीफ वाधवा सिंह बब्बर और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन संगठन के चीफ लखबीर सिंह का नाम भी शामिल है.
केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से जारी बयान नमें कहा गया कि,
पिछले कई दिनों से खालिस्तानी मूवमेंट को तेज करने की कोशिश हो रही थी. जिसके बाद केंद्र सरकार ने इन सभी खालिस्तानी नेताओं पर यूएपीए एक्ट लगाया है.
इन नौ लोगों में वाधवा सिंह बब्बर और लखबीर सिंह के अलावा, पाकिस्तान में मौजूद संगठन "खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स" के चीफ रंजीत सिंह, "खालिस्तान कमांडो फोर्स" के चीफ परमजीत सिंह, "खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स" के भुपिंदर सिंह भिंडा, जर्मनी बेस्ड आतंकी संगठन "खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स" के बड़े नेता गुरमीत सिंह बग्गा, अमेरिका में मौजूद संगठन "सिख फॉर जस्टिस" के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नूं, कनाडा में मौजूद "खालिस्तान टाइगर फोर्स" के चीफ हरदीप सिंह निज्जर और ब्रिटेन में मौजूद आतंकी संगठन "बब्बर खालसा इंटरनेशनल" के चीफ परमजीत सिंह शामिल हैं.
Unlawful activities (prevention) act (UAPA) कानून 1967 में लाया गया था. 2019 में इसमें संशोधन किया गया. जिसके बाद संस्थाओं ही नहीं व्यक्तियों को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकेगा. इतना ही नहीं किसी पर शक होने से ही उसे आतंकवादी घोषित किया जा सकेगा. फिलहाल सिर्फ संगठनों को ही आतंकवादी संगठन घोषित किया जा सकता था. खास बात ये है कि इसके लिए उस व्यक्ति का किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं है. आतंकी का टैग हटवाने के लिए भी कोर्ट के बजाय सरकार की बनाई रिव्यू कमेटी के पास जाना होगा. बाद में कोर्ट में अपील की जा सकती है.
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