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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम शुरू हो चुका है. कॉरिडोर के रास्ते में आने वाली इमारतों को तोड़ा जा रहा है. यहां लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर में तोड़फोड़ के दौरान इमारतों के मलबे में बहुत से शिवलिंग भी पड़े दिखे. इससे क्षेत्र के लोगों में नाराजगी फैल गई. सूचना मिलने पर स्थानीय लोग और संत भी वहां पहुंचे, जिन्होंने विरोध जताया.
सोशल मीडिया में इसकी बहुत चर्चा हो रही है कि इमारतों को गिराने में निकले शिवलिंग को मलबे के साथ नहीं डालना चाहिए था. इस मामले में कांग्रेस नेता अजय राय की तहरीर पर धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का केस दर्ज किया गया है. हालांकि मामला अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया है.
मलबे के साथ फेंके गए शिवलिंगों की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण कार्य के दौरान शिवलिंगों के अपमान को लेकर भारी नाराजगी है.
रोहित नगर में मलबे में फेंके गए शिवलिंगों को देखकर लोगों में भारी नाराजगी है. हालात तनावपूर्ण होने की आशंका के चलते मौके पर पुलिस बल को तैनात किया गया है.
मौके पर पहुंचे कुछ लोगों ने मलबे में फेंके गए शिवलिंग अपने साथ ले जाने शुरू कर दिए थे. हालांकि, पुलिस ने लोगों को शिवलिंग उठाने से रोका. इसके बाद पुलिस ने गाड़ी मंगाकर शिवलिंगों को थाने भिजवा दिया.
मामले की सूचना होने पर संत और कांग्रेस नेता अजय राय भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. काफी देर तक हुए हंगामे के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
पुलिस का कहना है कि इस बात की जांच की जाएगी कि बड़ी संख्या में शिवलिंग कहां से आए और इन्हें मलबे के रूप में किसने फेंका. पूर्व विधायक अजय राय ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘धर्म के नाम पर बनी सरकार का असली चेहरा सामने आ गया. सरकार काशी में मंदिरों को तुड़वाने के साथ शिवलिंगों को नाले के पास फेंक रही है.’
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