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महाराष्ट्र में सरकार बनाने को जारी खींचतान के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद हुसैन दलवई ने सोनिया गांधी से शिवसेना को समर्थन देकर सरकार बनाने की मांग की है. उन्होंने खत लिखकर यह मांग रखीं.
हुसैन का कहना है कि ''अगर मौका मिलता है तो कांग्रेस और एनसीपी को शिवसेना को समर्थन दे देना चाहिए. सब जानते हैं कि उन्होंने हमारे कई सांसद विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया था. अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं तो ज्यादा सख्ती से ऐसा ही करेंगे.'' हालांकि हुसैन ने अपने खत को निजी विचार करार दिया है.
हुसैन ने कहा कि महाराष्ट्र में अल्पसंख्यक लिंचिंग, एनआरसी और बाबरी मस्जिद के फैसले के बाद कानून स्थिति के मुद्दे पर बेहद संवेदनशील हैं. हुसैन ने इन मुद्दों को बीजेपी सरकार का एजेंडा करार दिया.
शिवसेना और बीजेपी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा था. शिवसेना का कहना है कि गठबंधन के वक्त सत्ता में आधी-आधी हिस्सेदारी का वायदा हुआ था. इसके मुताबिक कैबिनेट में दोनों पार्टियों के आधे-आधे विधायक और ढाई-ढाई साल के लिए दोनों पार्टियों से मुख्यमंत्री चुना जाएगा. लेकिन बीजेपी का कहना है कि इस तरह की कोई बात नहीं हुई थी. पार्टी मुख्यमंत्री पद पर देवेंद्र फडणवीस की दोबारा ताजपोशी के लिए भी अड़ी हुई है.
दोनों पार्टियों के बीच इस वक्त दबाव की राजनीति जारी है और उनके नेता एक-दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं. देवेंद्र फडणवीस भी साफ तौर पर कह चुके हैं कि अगली सरकार में वे ही मुख्यमंत्री रहेंगे. वहीं शिवसेना की तरफ से संजय राउत समेत दूसरे नेता भी हमलावर हैं. इस बीच राउत ने शरद पवार से भी मुलाकात की थी.
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