महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सरकार बनाने की बात नहीं हो रही, बल्कि मुख्यमंत्री पद पर बैठने को लेकर खींचतान चल रही है. इसी बीच महाराष्ट्र के एक मंत्री ने राष्ट्रपति शासन की बात कह डाली. अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इसका करारा जवाब दिया है और लिखा है कि राष्ट्रपति तुम्हारी जेब में है क्या?
‘महाराष्ट्र की राजनीति बनी शोभायात्रा’
सामना में लिखे संपादकीय में महाराष्ट्र की राजनीति की तुलना शोभायात्रा से की गई है. संपादकीय के हेडलाइन में लिखा गया है- राष्ट्रपति तुम्हारी जेब में है क्या? इसके बाद लिखा है,
“महाराष्ट्र की राजनीति फिलहाल एक मजेदार शोभायात्रा बन गई है. शिवराय के महाराष्ट्र में ऐसी मजेदार शोभायात्रा होगी तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? वर्तमान झमेला शिवशाही नहीं है. राज्य की सरकार तो नहीं लेकिन विदा होती सरकार के बुझे हुए जुगनू रोज नए मजाक करके महाराष्ट्र को कठिनाई में डाल रहे हैं.”
शिवसेना के मुखपत्र में फडणवीस सरकार को विदा होती हुई सरकार बताया गया है. फडणवीस के मंत्री का जिक्र करते हुए सामना में लिखा है -
"धमकी और जांच एजेंसियों की जोर जबरदस्ती का कुछ परिणाम न हो पाने से विदा होती सरकार के वित्त मंत्री सुधीर मनगंटीवार ने नई धमकी का शिगूफा छोड़ा है. उन्होंने कहा है कि 9 नवंबर तक सत्ता का पेंच हल नहीं हुआ तो महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा. मुनगंटीवार और उनकी पार्टी के मन में कौन सा जहर उबाल मार रहा है?"
सामना में बीजेपी पर हमला बोलते हुए लिखा है, कानून और संविधान का अभ्यास कम हो तो ये होता ही है, या कानून और संविधान को दबाकर जो चाहिए वो करने की नीति इसके पीछे हो सकती है.
'राष्ट्रपति का स्टैंप बीजेपी कार्यालय में'
सामना में महाराष्ट्र के मंत्री के बयान पर काफी कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है. इस बयान को लेकर लिखा गया है,
“राष्ट्रपति हमारी मुट्ठी में है या राष्ट्रपति की मुहर वाला रबर स्टैंप राज्य के बीजेपी दफ्तर में ही रखा हुआ है और हमारा शासन नहीं आया तो स्टैंप का प्रयोग करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन का आपातकाल लाद सकते हैं. इस धमकी का जनता ये अर्थ समझे क्या? ये लोकतंत्र विरोधी और असंवैधानिक है.”
सरकार बनाने का दावा पेश करे बीजेपी
शिवसेना के मुखपत्र में बीजेपी को सरकार बनाने की चुनौती दी गई है. इसमें लिखा है, महाराष्ट्र में किसी और को सत्ता में नहीं आने देने के घमंड की हार हो चुकी है. यही लोग राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चेतावनी दे रहे हैं. राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी देने वाले पहले सरकार बनाने का दावा तो पेश करें. फिर आगे देखेंगे. राष्ट्रपति संविधान की सर्वोच्च संस्था है. वे व्यक्ति नहीं बल्कि देश हैं. देश किसी की जेब में नहीं है.
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