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"मेरा राजू ट्रैफिक सिग्नल के पास पब्लिक के सामने मारा गया. मैं सबके पैरों पर पड़ी, लेकिन कोई मदद करने के लिए क्यों नहीं आया?" ये सवाल सैयद अश्रीन सुल्ताना से पूछा, जिनके पति की बुधवार, 4 मई को हैदराबाद में एक बिजी सड़क पर चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. मुस्लिम समुदाय की एक महिला से शादी को लेकर हैदराबाद (Hyderabad) के सरूरनगर में एक बिजी रोड परदलित व्यक्ति बिलिपुरम नागराजू पर बेरहमी से हमला किया गया और जान से मार दिया गया.
सुल्ताना ने कहा कि क्या दुनिया के पास आंखें नहीं हैं? मैं सबके पैरों पर गिर गई. मैंने अपने राजू को लिटा दिया था उसे बचा लिया था लेकिन एक हमलावर व्यक्ति मुझे पीछे खींचता रहा, जबकि दूसरा उस पर हमला करता रहा. राजू ने हेलमेट पहना हुआ था, लेकिन उन्होंने उसका सिर तोड़ दिया.
सुल्ताना ने कहा कि मैंने पहले नागराजू से शादी करने से इनकार कर दिया था क्योंकि मुझे इस बात का डर था कि कहीं रिश्ता कायम रखने से उसे नुकसान न हो जाए.
सीसीटीवी में कैद हुई एक खतरनाक घटना में बुधवार, 4 फरवरी की रात करीब 9 बजे दंपत्ति पर हमला किया गया. सुल्ताना का भाई अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ बाइक से जा रहे सुल्ताना और नागराजू का पीछा किया. उसके बाद नागराजू पर चाकू से हमला किया गया और लोहे की रॉड से पीटा गया. घटना के वीडियो में एक व्यक्ति लोहे की छड़ के साथ घायल नागराजू के पास आता है, जबकि उसकी पत्नी सैयद अश्रीन सुल्ताना हमलावर को पकड़ने का प्रयास करती है. हत्या की जगह के आसपास लोगों की भीड़ भी देखी जा सकती है.
पुलिस ने कहा कि सुल्ताना के रिश्तेदार जनवरी में दोनों की शादी के बाद से जोड़े की तलाश कर रहे थे और बुधवार को उन्हें मारुति के एक शोरूम में उन लोगों ने दोनों को देखा था. इसके बाद उन्होंने दंपत्ति का पीछा किया.
सैयद मोबिन अहमद ने उसे जमीन पर धकेल दिया और उसके सिर पर एक लोहे की रॉड से अंधाधुंध पिटाई शुरू कर दी. फिर उसने नागराजू को चाकू से मारना शुरू कर दिया. इसके अलावा दूसरा आरोपी मसूद अहमद भी हमला कर रहा था. सरूर नगर पुलिस ने कहा कि उसके सिर पर रॉड से वार किया गया और उसके मरने के बाद, वे लोग हथियार लेकर भाग गए.
डीसीपी एलबी नगर जोन सनप्रीत सिंह ने कहा कि हम फास्ट ट्रैक कोर्ट में आवेदन करेंगे, जिससे इसका मुकदमा जल्द ही खत्म हो जाए और आरोपियों को सजा मिले. उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार को आर्थिक लाभ प्रदान किया जाएगा.
जबकि पुलिस ने कहा है कि हमले के पीछे दो लोग थे, सुल्ताना ने कहा कि हत्या में पांच लोग शामिल थे. मृतक माला समुदाय से है, जिसे राज्य में अनुसूचित जाति के रूप में पहचाना जाता है.
10वीं क्लास से रिलेशनशिप में रहने वाले सुल्ताना और नागराजू लोगों के डर की वजह से विशाखापत्तनम शिफ्ट हो गए थे.
नागराजू रंगारेड्डी जिले के मारपल्ले के मूल निवासी हैं, जबकि सुल्ताना उसी जिले के पड़ोसी घानापुर गांव की रहने वाली हैं.
सुल्ताना के माता-पिता उनकी मांग पर राजी नहीं थे. इसके बाद दोनों ने इस साल 31 जनवरी को हैदराबाद में एक आर्य समाज समारोह में शादी कर ली.
सुल्ताना ने मीडिया को बताया कि वह 10 वीं कक्षा से अपने पति के साथ रिश्ते में थी और नागराजू ने उसके परिवार से शादी करने का इरादा व्यक्त करने के बावजूद उसके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.
अपनी शादी के बाद दोनों सरूरनगर के पंजाला अनिल कुमार कॉलोनी में रहते थे और नागराजू एक कार सेल्समैन के रूप में काम करता था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बात में शक है कि सुल्ताना के परिवार के सदस्यों द्वारा उनका पीछा किया जा रहा था. शादी करने के बाद दोनों कुछ वक्त के लिए विशाखापत्तनम में चले गए थे. वे करीब एक हफ्ते पहले शहर लौटे थे.
इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता इकट्ठा हुए और पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग करते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाए. प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए.
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