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ICICI-वीडियोकॉन केस: दीपक कोचर को गिरफ्तार करने की नौबत क्यों आई?

चंदा कोचर और दीपक कोचर के खिलाफ ईडी ने पिछले साल दर्ज किया था केस

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चंदा कोचर और दीपक कोचर के खिलाफ ईडी ने पिछले साल दर्ज किया था केस
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चंदा कोचर और दीपक कोचर के खिलाफ ईडी ने पिछले साल दर्ज किया था केस
(फोटो: क्विंट)

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आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार किया है. दीपक कोचर को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में सोमवार 7 सितंबर को गिरफ्तार किया था. लेकिन अब ईडी की तरफ से बताया गया है कि आखिर ये गिरफ्तारी क्यों हुई? बताया गया है कि जांच में सहयोग नहीं करने को लेकर दीपक कोचर को गिरफ्तार किया गया है. बता दें कि दीपक कोचर को पीएमएलए कोर्ट ने 8 सितंबर से 19 सितंबर तक ईडी की कस्टडी में भेज दिया है. जिसके बाद ईडी उनसे पूरे मामले को लेकर पूछताछ करेगी.

ये पूरा मामला आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन से जुड़ा है. जिसे लेकर सीबीआई ने सबसे पहले मामला दर्ज किया था. जिसके बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत पिछले साल मामला दर्ज किया.

आरोप है कि 1 मई 2009 को आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनने के बाद चंदा कोचर ने अनियमित तरीके से वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत की कंपनियों के लिए लोन मंजूर कराए थे, जबकि इसकी एवज में धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को उनके बिजनेस में फायदा पहुंचाया था.
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सीबीआई ने किया था मामला दर्ज

इस पूरे मामले को लेकर 22 जनवरी, 2019 को सीबीआई ने चंदा कोचर, दीपक कोचर, और वेणुगोपाल धूत और उनकी कंपनियों (वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड) के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत एक एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में सुप्रीम एनर्जी (जिसकी स्थापना धूत ने की थी) और दीपक कोचर के नियंत्रण वाली कंपनी नूपावर रिन्यूएबल्स का भी नाम था. वहीं सीबीआई की एफआईआर के बाद पिछले साल ईडी ने चंदा, दीपक, धूत और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.

इस साल की शुरुआत में ईडी ने चंदा और उनके पति से जुड़ी 78.15 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां कुर्क की थीं. चंदा कोचर ने इस मामले में भारी विवाद के बाद चार अक्टूबर, 2018 को अपना पद छोड़ दिया था.

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