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पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं के नाम पर की जा रही तमाशेबाजी को बंद करे. उन्होंने कहा कि महिलाएं ही हैं जिनसे सरकार सबसे ज्यादा डरती है. इल्तिजा पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने के बाद हिरासत में ली गईं अपनी मां का ट्विटर अकाउंट चला रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री को ''अवैध'' तरीके से कैद कर रखा है.
उन्होंने कहा, ''महिलाओं के नाम पर की जा रही तमाशेबाजी बंद कीजिये. भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री को अवैध तरीके से कैद कर रखा है. बहादुर महिला पत्रकारों को बलात्कार और जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं. सरकार शाहीन बाग में बैठीं दादियों से डरी हुई है. नारी शक्ति की बातें करने वाले असल में महिलाओं से ही सबसे अधिक डरे हुए हैं.''
इल्तिजा ने ये बयान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट महिलाओं को सौंपने के प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स 7 महिला अचीवर्स को सौंपे हैं.
पीएम के अकाउंट से पहला ट्वीट करने वाली महिला फूड बैंक इंडिया की फाउंडर स्नेहा मोहनदॉस थीं. उन्होंने भूखे लोगों की भूख मिटाने के क्षेत्र में काम किया है. 13 साल की उम्र में एक बम ब्लॉस्ट में सरवाइव करने के बाद, दिव्यांग मालविका अय्यर ने पीएचडी हासिल की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ''हार मानना कभी विकल्प ही नहीं था. अपनी सीमाओं को भूल जाइये. दुनिया से पूरे आत्मविश्वास और आशाओं के साथ जूझना चाहिए.''
नामदा शिल्प को दोबारा जिंदा कर स्थानीय महिलाओं को सशक्त बना रहीं आरिफा ने ट्वीट में कहा, ''जब परंपरा आधुनिकता से मिलती है, तो कई अजूबे होते हैं.''
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