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देश में कोरोना की दूसरी वेव का कहर जारी है. अस्पतालों की स्थिति हर दिन खराब होती जा रही है. डॉक्टर मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं. देश में पिछले तीन दिनों से रोजाना 4 लाख से ज्यादा नए केस आ रहे हैं. ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोविड संकट को लेकर केंद्र की कड़ी आलोचना की है. IMA ने कहा कि वो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की 'सुस्ती' देखकर हैरान है.
IMA ने अपने एक बयान में कहा, "कोविड महामारी की दूसरी वेव की वजह से पैदा हुए संकट से निपटने में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सुस्ती और अनुचित कार्रवाई देखकर हैरान हैं."
IMA ने कहा कि वो 'पूर्ण और सुनियोजित लॉकडाउन' की लगातार मांग कर रहा है. IMA ने कहा, "कुछ राज्यों के 10-15 दिन के लॉकडाउन की जगह पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत है ताकि हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर को संभलने, और मैटेरियल और मैनपावर की भरपाई का समय मिल सके."
IMA ने कहा कि लॉकडाउन से संक्रमण फैलने की चेन टूटेगी.
मेडिकल संस्था ने कहा कि नाइट कर्फ्यू से कुछ नहीं हो रहा है और जिंदगी अर्थव्यवस्था से ज्यादा कीमती है.
IMA ने देशभर के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को लेकर केंद्र पर हमला बोला है. अपने बयान में कहा, "ऑक्सीजन का संकट हर दिन गहरा रहा है और इसकी सप्लाई न होने की वजह से कई लोग मर रहे हैं और डॉक्टरों और मरीजों में पैनिक हो रहा है."
IMA ने कहा कि ऑक्सीजन का प्रोडक्शन पर्याप्त है, दिक्कत उसके डिस्ट्रीब्यूशन में है.
IMA ने केंद्र को आंकड़ों में पारदर्शिता रखने के लिए कहा है. अपने बयान में कहा, "पहली वेव में हमने 756 डॉक्टर खो दिए हे, इस वेव में थोड़े समय में ही 146 डॉक्टरों की मौत हो गई है. अस्पतालों में सैंकड़ों मौतों को गैर-कोविड मौतें बताया जा रहा है."
IMA ने एक समर्पित, सक्रिय, जीवंत, इनोवेटिव मंत्री के तहत एक इंटीग्रेटेड मिनिस्ट्री बनाकर महामारी से लड़ने का सुझाव दिया है.
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