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भारत-चीन के बीच गलवान में हुई हिंसक झड़प के करीब 15 दिन बाद, भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 59 चीनी ऐप्स को बैन कर दिया है. लेकिन इतनी बड़ी तादाद में चीनी एप पर बैन लगने से इन कंपनियों और उनके भारत में निवेश पर क्या असर पड़ेगा? क्विंट हिंदी के ए़़डिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने इसी अहम टॉपिक पर बात की गेटवे हाउस के डायरेक्टर ब्लेज फर्नांडिस से.
ब्लेज फर्नांडिस का मानना है कि 'ये बड़ी बात है जब भारत सरकार ने पहली बार इस तरह से एप्स पर बैन लगाया है. इन एप्स के लिए भारत एक बहुत अहम मार्केट है. दुनियाभर में हर एक निवेशक भारत को दिमाग में रखते हुए काम करना चाहता है. भारत में युवा आबादी बहुत है. 2025 तक 85 करोड़ लोगों तक इंटरनेट की पहुंच होगी. इसलिए आने वाले दिनों में निवेशकों के लिए भारत बहुत अहम देश हो जाएगा. भारत को इग्नोर करना आसान नहीं है. '
ब्लेज फर्नांडिस बताते हैं कि 'ऐसा नहीं है कि सरकार ने बिना सोचे ये किया होगा. अब जरूरत है कि भारतीय कंपनियों को नई परिस्थितियों के मुताबिक ढलना चाहिए. सरकार को एक ईको सिस्टम तैयार करना होगा. आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए सबसे अहम है क्रिएटिवटी और इनोवेशन. हमें इन दोंनों को बढ़ावा देना होगा.
भारत का ये कदम इन चीनी कंपनियों को कैसे नुकसान पहुंचाएगा? ब्लेज फर्नांडिस ने एक उदाहरण देकर इस बात को समझाया. उन्होंने कहा कि 'ऐसी खबरें हैं कि टिक टॉक IPO लाने वाला है और इसका 100 बिलियन डॉलर के वैल्यूएशन का अनुमान है. इसके 30% से ज्यादा यूजर्स भारत के हैं. तो इसलिए हर कोई निवेशक कंपनी से पूछेगा ही कि आपकी कमाई पर इसका कैसे असर होगा.'
ब्लेज फर्नांडिस का मानना है कि 'जहां तक प्राइवेसी और सुरक्षा का सवाल है तो इसके लिए हमें पूरे तंत्र पर काम करना होगा. कानून बनाने वालों से लेकर लागू करने वाले अधिकारियों की ट्रेनिंग तक सभी को इस नए दौर को समझना होगा. भारत सरकार को ये ध्यान रखना होगा कि मार्केट में सभी के लिए बराबर के मौके हों. ये आत्मनिर्भर भारत की तरफ पहला कदम होगा.'
पेटीएम, ओला, बायजू जैसी कई कंपनियों में अभी चीनी निवेश है. इस पर ब्लेज फर्नांडिस का मानना है कि 'मुझे नहीं लगता कि सरकार इनको बाहर करेगी. लेकिन अगर चीनी कंपनियों का निवेश निकल भी जाता है तो बड़ी तादाद में ऐसी भारतीय कंपनियां हैं. जो इन कंपनियों में निवेश करेगी. बस सरकार को रिस्क लेने का कल्चर बढ़ाना पड़ेगा, ऑन्त्रप्रेन्योरशिप को विकसित करना पड़ेगा. हमारे यहां सिर्फ चीन से निवेश नहीं आता है हमारे यहां यूरोपियन, अमेरिकी सभी जगह के निवेशक हैं. अगर हमें इन देशों से निवेश को आकर्षित करना है तो हमें अपने टैक्स स्ट्रक्चर को बेहतर बनाना होगा.
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद भारत में कोई भी इन 'चीनी ऐप्स को डाउनलोड नहीं कर पाएगा. इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि केंद्र सरकार चीनी ऐप्स को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है.
लोग चीनी सामान और ऐप्स के इस्तेमाल का बहिष्कार कर रहे हैं. इसके लिए पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं. यहां तक कि सोशल मीडिया पर सरकार की तरफ से जारी की गई एक फेक लिस्ट भी वायरल हुई थी. जिसमें दावा किया गया था कि सरकार ने चीनी ऐप्स को बैन कर दिया है. लेकिन अब आखिरकार भारत सरकार ने चीनी कंपनियों के खिलाफ ये कार्रवाई की है.
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