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FAQ:कोरोना वैक्सीन और वैक्सीनेशन से जुड़े सवालों के हर जरूरी जवाब

कोविड-19 वैक्सीन के पहले और दूसरे डोज में कितने समय का अंतर होना चाहिए?

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भारत
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कोरोना वैक्सीन से जुड़े अहम सवालों के जवाब, जानें बड़ी बातें
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कोरोना वैक्सीन से जुड़े अहम सवालों के जवाब, जानें बड़ी बातें
(PTI Photo/Kunal Patil)

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देश में कोरोना महामारी के बीच 18 से 44 साल की आयु वाले लोगों का 1 मई से वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है. लाखों युवाओं ने Co-Win एप पर टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है ताकि उन्हें वैक्सीन की पहली डोज मिल जाए, लेकिन 45 साल से अधिक उम्रवाले करोड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन का दूसरा डोज अब तक नहीं मिला है.

देश में वैक्सीन की कमी इसकी बड़ी वजह है जिसके कारण कई भारतीय नागरिकों को वैक्सीन का बूस्टर डोज नहीं मिल पाया है.

ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल है कि अगर वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं मिला तो क्या होगा? कोवैक्सीन या कोविशील्ड के सेकंड डोज के लिए आप कितना इंतजार कर सकते हैं? इस बारे में हम आपको बताने जा रहे है कुछ अहम सवालों के जवाब...

मुझे वैक्सीन का पहला डोज मिल गया है. लेकिन दूसरा डोज नहीं मिल पा रहा है. क्या में दूसरा डोज छोड़ सकता हूं?

नहीं, अगर आप वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लेते हैं, तो आपके शरीर में वायरस से लड़ने की क्षमता कम हो जाएगी और अगर आप कोविड-19 से संक्रमित होते हैं तो अपने अलावा दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं.

डॉ जैकब जॉन, विरोलॉजिस्ट और इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के पूर्व चीफ ने समझाया कि, वैक्सीन का पहला डोज सिर्फ एक शुरुआत होती है. इसमें जीवित वायरस को खसरे के टीके की तरह दिया जाता है ताकि आपके शरीर में इम्युनिटी विकसित हो. लेकिन कोरोना वायरस जैसी नॉन-रेप्लिकेटिंग वैक्सीन सिर्फ आपके इम्युन सिस्टम को तैयार करता है.

वैक्सीन का दूसरा डोज, पहले से तैयार इम्युन सिस्टम को और अधिक विकसित करता है. इसे प्राइम बूस्ट इम्यूनाइजेशन कहते हैं. वैक्सीन के पहले डोज से आपको सुरक्षा मिलती है, जबकि दूसरे डोज से संपूर्ण सुरक्षा मिलती है.
डॉ जैकब जॉन

डॉ जैकब जॉन का कहना है कि पहली डोज में मिली आंशिक इम्युनिटी एक समय के बाद खत्म हो जाती है अगर आप वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लेते हैं तो. हालांकि वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने में देरी होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है लेकिन दूसरा डोज लेना बहुत जरूरी है.

कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज लेने की निर्धारित समय अवधि क्या है?

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन का दूसरा डोज लेने का समय-

1-कोविशील्ड वैक्सीन का सेकेंड डोज 6 से 8  हफ्ते में लिया जाता है.

2- कोवैक्सीन की दूसरी डोज, पहले डोज के 28 दिन बाद ली जा सकती है.

कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक मिलने के 10 हफ्ते बाद मुझे स्लॉट मिला है. क्या यह ठीक है? क्या मैं इसे ले सकता हूं?

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय इसकी सलाह नहीं करता है, लेकिन ब्रिटेन से मिले एस्ट्राजेनेका, कोविशील्ड के डेटा से पता चलता है कि 3 महीने तक की देरी होने पर भी इसे सुरक्षित तरीके से लिया जा सकता है.

FIT के साथ इंटरव्यू में डॉ गगनदीप कांग ने सुझाव देते हुए कहा कि भारत में कोविशील्ड वैक्सीन का दूसरा डोज देने में देरी पर विचार करना चाहिए. इससे न केवल वैक्सीन की कमी से जूझने में मदद मिलेगी, बल्कि लंबे समय के लिए वैक्सीन के बेहतर प्रभाव देखने को मिलेंगे.

ब्रिटेन ने फाइजर और कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर पहले तय कर लिया था कि, वो वैक्सीन का दूसरा डोज देने में 3 महीने की देरी करेंगे. हमारे पास एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का रियल वर्ल्ड डेटा है जिससे पता चलता है कि सिंगल डोज से क्या हासिल किया जा सकता है. वैक्सीन के सिंगल डोज से अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के मामले में कमी आती है. इसलिए, कोविशील्ड के पहले डोज से 3 महीने तक हमें सुरक्षा मिल सकती है. अगर कोविशील्ड वैक्सीन की सप्लाई को लेकर कुछ समस्याएं हैं तो वैक्सीन का दूसरा डोज 3 महीने तक लिया जा सकता है.
डॉ गगनदीप कांग
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कोवैक्सीन को लेकर अवधि क्या होगी? क्या मैं इसे 12 हफ्तों तक ले सकता हूं?

कोवैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल में डोज के बीच समय अवधि के अंतर को लेकर ट्रायल नहीं किया गया था. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च की डॉ विनीता बाल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि कोवैक्सीन के निर्माताओं ने इसे 4 हफ्तों के बाद समान रूप से इसका ट्रायल किया था. इसलिए कोवैक्सीन का बूस्टर डोज 28 दिनों तक लिए जाने की सलाह दी जाती है.

अगर मैं सरकार की ओर से निर्धारित समय में वैक्सीन नहीं ले पाता हूं, तो क्या मुझे फिर से पहला डोज लेना चाहिए और इसके बाद बूस्टर डोज?

नेशनल कमेटी ऑन एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्युनाइजेशन के सदस्य, डॉ एन के अरोरा कहते हैं कि वैक्सीन के दूसरे डोज में देरी होने पर व्यक्ति को दोबारा से पहला डोज लेने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद दूसरा डोज समय पर लेने की कोशिश करनी चाहिए.

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए डॉ अरोरा ने कहा

हमें पता है कि कई ऐसे लोग हैं जो वैक्सीन की पहली खुराक ले चुके हैं और दूसरा डोज में लेने में उन्हें देरी हो गई है. उन लोगों को चिंता नहीं करना चाहिए. अगर दोनों डोज के बीच समय का अंतर 8 से 10 हफ्ते भी क्यों न हो, इसके बाद भी व्यक्ति वैक्सीन की दूसरी डोज ले सकता है और यह प्रभावी होगी. इसलिए दूसरा डोज लेने में देरी होने पर दोबारा वैक्सीन का पहला डोज लेने की जरूरत नहीं है.  

मुझे वैक्सीन का दूसरा डोज मिलने का समय मिल गया था, लेकिन मैं कोविड-19 से संक्रमित हो गया. अब मुझे दूसरा डोज कब लेना चाहिए?

स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक, आपको वैक्सीन का दूसरा डोज कोविड-19 संक्रमण से रिकवर होने के 2 हफ्ते बाद लेना चाहिए. इस बारे में आप अपने डॉक्टर से भी  राय ले सकते हैं कि आपको वैक्सीन का सेकेंड डोज कब लेना चाहिए.

वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद मैं कोविड-19 से संक्रमित हो गया और मुझे स्वस्थ होने में 8 हफ्ते लग गए. क्या मुझे अब कोवैक्सीन का दूसरा डोज लेना चाहिए?

हां, लेना चाहिए. वह व्यक्ति जो कोरोना वायरस संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ हो गया है, उसे अपना वैक्सीनेशन रिकवरी के बाद तय समय पर पूर्ण कराना चाहिए . यह बात दोनों वैक्सीन पर समान रूप से लागू होती है.

अगर मुझे कोविशील्ड के दूसरे डोज के लिए स्लॉट नहीं मिलता है, तो क्या मुझे कोवैक्सीन लेना चाहिए?

नहीं, अभी तक एक्सपर्ट्स की सलाह के मुताबिक आपको एक ही वैक्सीन के पहले और दूसरे दोनों डोज लेना चाहिए.

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