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15 अगस्त 2022 को देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है. स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने लाल किले से नौवीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया. तिरंगा फहराने के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, नेहरु, अंबेडकर और सावरकर को याद किया.
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने कहा,
PM Modi ने कहा, "मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं."
PM Modi ने कहा, "कर्तव्य पथ पर अपने प्राणों की आहुति देने वाले बापू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर के हर प्रति नागरिक आभारी है. आज उन्हें याद करने और नमन करने का वक्त है."
पीएम मोदी ने कहा, "हर भारतीय का मन गर्व से भर जाता है, जब वे रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, चेन्नम्मा बेगम हजरत महल जैसी वीर महिलाओं को याद करते हैं."
पीएम मोदी ने कहा,
पीएम मोदी ने कहा, "आने वाले 25 साल के लिए हमें 'पंच प्रण' पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा."
विकसित भारत- अब देश बड़े संकल्प लेकर चलेगा, और वो बड़ा संकल्प है विकसित भारत और उससे कुछ कम नहीं होना चाहिए.
गुलामी के हर अंश से मुक्ति का प्रण- दूसरा प्रण है किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर अगर गुलामी का एक भी अंश हो उसे किसी भी हालत में बचने नहीं देना.
विरासत पर गर्व- तीसरी प्रण शक्ति है कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए. यही विरासत है, जिसने भारत को स्वर्णिम काल दिया था. यह विरासत है जो समय समय पर परिवर्तन करने का सामर्थ्य रखती है.
एकता और एकजुटता का प्रण- चौथा प्रण है एकता और एकजुटता. 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता. न कोई अपना न कोई पराया. एक भारत औऱ श्रेष्ठ भारत के लिए यह प्रण है.
नागरिकों को अपने कर्तव्यपालन का प्रण- पीएम मोदी ने कहा, 5वां प्रण है नागरिकों का कर्तव्य. इससे पीएम, मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होता है. ये 25 सालों के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रण हैं.
पीएम मोदी ने कहा, "अमृत महोत्सव के दौरान देशवासियों ने देश के हर कोने में लक्ष्यावधि कार्यक्रम किये. शायद इतिहास में इतना विशाल, व्यापक, लंबा एक ही मकसद का उत्सव मनाया गया हो. वो शायद एक पहली घटना हुई है."
पीएम मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में कहा-
आजादी के इतने दशकों बाद पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. विश्व, भारत की तरफ गर्व और अपेक्षा से देख रहा है. समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर, दुनिया खोजने लगी है.
आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला.
अमृतकाल का पहला प्रभात Aspirational Society की आकांक्षा को पूरा करने का सुनहरा अवसर है. हमारे देश के भीतर कितना बड़ा सामर्थ्य है, एक तिरंगे झंडे ने दिखा दिया है.
कोरोना के कालखंड में दुनिया वैक्सीन लेने या न लेने की उलझन में जी रही थी. उस समय हमारे देश लोगों ने 200 करोड़ डोज लेकर दुनिया को चौंका देने वाला काम करके दिखाया.
जिस प्रकार से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी है, जिस मंथन के साथ बनी है, कोटि-कोटि लोगों के विचार प्रवाह को संकलित करते हुए बनी है. भारत की धरती से जुड़ी हुई शिक्षा नीति बनी है.
आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जूझ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है. इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है.
हमें अंग्रेजों के जैसे दिखने की जरूरत नहीं है, गुलामी की मानसिकता से बाहर आने की जरूरत है. जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे तभी तो ऊंचा उड़ेंगे और विश्व को समाधान देंगे. दुनिया आज भारत से प्रभावित हो रही है.
पीएम मोदी ने भारतीय भाषाओं को लेकर कहा, "हमने देखा है कि कभी कभी हमारे talent भाषा के बंधनों में बंध जाते हैं. ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है. हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए."
पीएम मोदी ने कहा, "लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा. और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है. अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो."
पीएम मोदी बोले,
पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत को सरकारी एजेंडा से अलग समझने की अपील की. पीएम मोदी ने कहा, "आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है. आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है, ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है.
PM मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपनी सरकार की उपल्बधी गिनाते हुए कहा, "पिछले 8 वर्षों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए, गलत हाथों में जाने वाले 2 लाख करोड़ रुपये को बचाकर उन्हें देश की भलाई में लगाने में हम कामयाब हुए."
पीएम मोदी ने कहा, "आजादी के 75 साल के बाद जिस आवाज को सुनने के लिए हमारे कान तरस रहे थे.आज 75 साल के बाद वो आवाज सुनाई दी है. 75 साल के बाद लाल किले पर तिरंगे को सलामी देने का काम पहली बार Made In India तोप ने किया है."
पीएम मोदी ने अपने भाषण में परिवारवाद का जिक्र करते हुए कहा, "जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं, तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीति की बात कर रहा हूं. जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है."
पीएम मोदी ने युवाओं से अपील की, कि मै भाई-भतीजावाद के खिलाफ जंग में युवाओं का साथ चाहता हूं.
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