advertisement
आज 2+2 मंत्रिस्तर बैठक में भारत और अमेरिका के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कॉपरेशन एग्रीमेंट फॉर जियो-स्पैटिअल कॉपरेशन (BECA) साइन कर लिया गया है. इस बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर और भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए. रक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव जीवेश नंदन ने भारत की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए.
इस समझौते के तहत, दोनों देश मैप, नॉटिकल और एरोनॉटिरल चार्ट, कॉमर्शियल और दूसरी तस्वीरें, सैटेलाइट इमेज, जियोफिजिकल, जियोमैगनेटिक और दूसरे डेटा को एक-दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं. समझौता अमेरिका को संवेदनशील सैटेलाइट और सेंसर डेटा साझा करने की भी अनुमति देगा.
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों देशों के बीच मिलिट्री कॉपरेशन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है. रक्षा मंत्री ने कहा कि 2016 में LEMOA और 2018 में COMCASA साइन करने के बाद, आज BECA पर हस्ताक्षर करना उसी दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है.
उन्होंने कहा, "आज बैठक के दौरान, हमने अपने द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के प्रमुख पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. हमने उन प्रमुख चुनौतियों पर विचार किया, जिनका हम सामना करते हैं."
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र इस वार्ता का फोसक था. उन्होंने कहा, "हमने इस क्षेत्र में सभी देशों के लिए स्थिरता और शांति और समृद्धि के महत्व को दोहराया. चर्चा में हमारे पड़ोसी देशों में हुई घटनाओं को भी कवर किया गया. हमने स्पष्ट किया कि सीमा पार आतंकवाद पूरी तरह से अस्वीकार्य है."
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इस मौके पर चीन पर भी हमला बोला. उन्होंने चीन द्वारा 'पैदा किए खतरे' पर बोलते हुए कहा, "अमेरिकी और भारत सभी तरह के खतरों के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने के लिए कदम उठा रहे हैं, न कि सिर्फ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किए गए. पिछले साल, हमने साइबर मुद्दों पर अपने सहयोग को बढ़ाया, हमारी नौसेनाओं ने हिंद महासागर में संयुक्त अभ्यास किया है."
इससे पहले सोमवार की बातचीत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच सैन्य मुद्दों पर हुई बातचीत काफी सफल रही और इसका मकसद दो सबसे बड़े लोकतंत्र के बीच रक्षा संबंधों को सशक्त बनाना था. राजनाथ सिंह और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्क टी. एस्पर ने पहले विभिन्न रक्षा और सुरक्षा मुद्दों पर बात की.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)