advertisement
भारत और ऑस्ट्रेलिया (India-Australia) ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए शनिवार, 2 अप्रैल को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस समझौते को ट्वीट किया है. पीएम मोदी ने कहा, "इतने कम समय में इस तरह के एक महत्वपूर्ण समझौते पर सहमति दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को दर्शाती है. यह असल में हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है."
इसी बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दोनों देशों के समझौते को देखते हुए कहा है कि अगले 4-5 सालों में भारत में करीब 10 लाख रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है.
बता दें कि इस एग्रीमेंट के जरिए पांच साल में गुड्स और सर्विसेज के एक्सपोर्ट को डबल करने की उम्मीद है. इस डील के बाद ऑस्ट्रेलिया अपने मार्केट में टेक्सटाइल, लेदर, ज्वेलरी और स्पोर्ट्स प्रोडक्ट्स जैसे 95 फीसदी भारतीय सामानों की ड्युटी फ्री एक्सेस उपलब्ध कराएगा.
पीएम मोदी ने कहा,
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच के एग्रिमेंट वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए हुआ. भारत के कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्ट्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के ट्रेड, टूरिज्म और इंवेस्टमेंट मंत्री डान तेहान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. पीएम नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन की मौजूदगी में ये करार हुआ.
ऑस्ट्रेलिया पीएम मॉरिसन एग्रिमेंट पर कहते हैं, "यह भारत के साथ हमारे संबंधों में ऑस्ट्रेलियाई सरकार का सबसे बड़ा निवेश है, लेकिन यह आखिरी नहीं होगा और अब उस रिश्ते में एक और मील का पत्थर होगा."
उन्होंने आगे कहा, "हमने अपनी व्यापक, रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है. मेरी सरकार ने करीब 282 मिलियन डॉलर की नई पहल की घोषणा की है. यह हमारे बीच विस्तृत सहयोग को बढ़ावा देगा.
इस बीच, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत को अगले चार से पांच सालों में 10 लाख रोजगार पैदा करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, "आने वाले समय में भारतीय शेफ और योग प्रशिक्षकों के लिए कई नए अवसर खुलेंगे. हमने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच शिक्षा संस्थानों के सहयोग पर भी चर्चा की हैं."
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया में 1 लाख से अधिक भारतीय छात्र रह रहे हैं और पढ़ रहे हैं. हम पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्क और हॉलिडे वीजा व्यवस्था पर विचार कर रहे हैं. भारतीय छात्रों के लिए, खासकर एसटीईएम ग्रैजुएट के लिए, 2 से 4 सालों के बीच पढ़ाई के बाद का वर्क वीजा उपलब्ध होगा."
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)