Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019'कनाडा मुद्दे पर अमेरिका के साथ चर्चा': जयशंकर ने UN की विश्वसनीयता पर भी उठाए सवाल

'कनाडा मुद्दे पर अमेरिका के साथ चर्चा': जयशंकर ने UN की विश्वसनीयता पर भी उठाए सवाल

भारत-कनाडा विवाद: जयशंकर ने कहा कि भारतीय राजनयिक कनाडा के दूतावास में जाने में असुरक्षित हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>भारत-कनाडा विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर</p></div>
i

भारत-कनाडा विवाद के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर

(फोटोःएस जयशंकर एक्स) 

advertisement

भारत-कनाडा (India-Canada) के बीच जारी तनाव पर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन से बातचीत की है. यह जानकारी जयशंकर ने शुक्रवार, 29 सितंबर को दी. विदेश मंत्री ने कहा कि बैठक के बाद दोनों प्रतिनिधिमंडल बेहतर जानकारी प्राप्त कर पाए.

एस जयशंकर से प्रतिष्ठित हडसन इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक में उनसे पूछा गया कि क्या ब्लिंकन के साथ उनकी बैठक के दौरान कनाडाई आरोपों का मुद्दा उठा था. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "हां, मैंने उठाया था."

"भारत के राजनयिक कनाडा के दूतावास में जाने में असुरक्षित हैं"

कनाडा की धरती पर खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की "संभावित" संलिप्तता के ट्रूडो के विस्फोटक आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था.

भारत ने इन आरोपों को "बेतुका" और "प्रेरित" कहकर खारिज कर दिया और मामले पर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी के निष्कासन के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था.

वाशिंगटन में भारत-कनाडा विवाद पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि कनाडा की स्थिति के कारण भारतीय राजनयिक देश में दूतावास में जाने में असुरक्षित हैं.

आज, मैं वास्तव में ऐसी स्थिति में हूं जहां मेरे राजनयिक कनाडा में दूतावास या वाणिज्य दूतावास में जाने में असुरक्षित हैं. उन्हें सार्वजनिक रूप से डराया जाता है. और इसने वास्तव में मुझे कनाडा में वीजा संचालन को भी अस्थायी रूप से निलंबित करने के लिए मजबूर किया है."
विदेश मंत्री एस जयशंकर

उन्होंने स्वीकार किया कि कनाडाई प्रधान मंत्री की टिप्पणी से पहले इस मुद्दे पर भारत और कनाडा के बीच काफी विवाद हुआ है.

तनावपूर्ण संबंधों के बीच, भारत ने अपने नागरिकों और कनाडा की यात्रा करने वाले लोगों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है कि वे देश में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा को देखते हुए अत्यधिक सावधानी बरतें.

कनाडा ने अभी तक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के दावे के समर्थन में कोई सार्वजनिक सबूत उपलब्ध नहीं कराया है.

"संयुक्त राष्ट्र में जाहिर तौर पर विश्वसनीयता की कमी है"

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने यहां कहा, "हम आज यह मानते हैं कि जब सबसे अधिक आबादी वाला देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नहीं है, जब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वहां नहीं है, जब 50 से अधिक देशों का महाद्वीप वहां नहीं है. संयुक्त राष्ट्र में जाहिर तौर पर विश्वसनीयता की कमी है और काफी हद तक प्रभावशीलता की भी. जब हम दुनिया के पास जाते हैं, तो हम उसको नीचे गिराने जैसे दृष्टिकोण के साथ नहीं जाते. यह अहम है कि हम इसे बेहतर, कुशल, उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए क्या कर सकते हैं..."

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

"यदि कनाडा के पास कुछ भी प्रासंगिक है तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं"

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, "कनाडाई प्रधानमंत्री ने कुछ आरोप लगाए, शुरुआत में निजी तौर पर और फिर सार्वजनिक रूप से. और निजी और सार्वजनिक रूप से उन्हें हमारी प्रतिक्रिया यह थी कि वह जो आरोप लगा रहे थे वह हमारी नीति के अनुरूप नहीं था. और यदि उनके पास - यदि उनकी सरकार के पास - कुछ भी प्रासंगिक और विशिष्ट है, वे चाहेंगे कि हम उस पर गौर करें, तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं."

उन्होंने आगे कहा: "लेकिन उस बातचीत को समझने के लिए, आपको यह भी समझना होगा कि यह कनाडा के साथ कई वर्षों से बड़े घर्षण का मुद्दा रहा है. वास्तव में, इसका इतिहास 1980 के दशक से शुरू होता है. उस समय यह प्रमुख हो गया था. लेकिन पिछले कुछ में वर्षों से, यह फिर से चलन में आ गया है. हम इसे आतंकवादियों, चरमपंथी लोगों के प्रति एक बहुत ही उदार कनाडाई रवैया मानते हैं जो खुले तौर पर हिंसा की वकालत करते हैं और कनाडाई राजनीति की मजबूरियों के कारण उन्हें कनाडा में संचालन की जगह दी गई है."

(इनपुट्स - पीटीआई)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 29 Sep 2023,10:19 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT